क्या आपके घर में भी हमेशा पैसों की किल्लत बनी रहती है. लाखों कमाने के बाद भी महीने के आखिर में सेविंग के नाम पर कुछ नहीं बचता तो हो सकता है आप वास्तु दोष से पीड़ित हैं. दरअसल वास्तु दोष का प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है. जिस घर में वास्तु दोष होते हैं, उस घर में क्लेश, पैसों की लंगी, रोगों का रहना स्वाभाविक है.
सीढ़ियों के नीचे वॉशरूम न बनवाएं
वास्तु शास्त्र में, सीढ़ी की दिशा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपके घर में सकारात्मकता को बना या बिगाड़ सकती है. अगर आपने अपने घर की सीढ़ियों के नीचे वॉशरूम बनवाया है तो जल्द से जल्द इसे बदलवा दें क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी सीढ़ियों के नीचे वॉशरूम और किचन नहीं बनाना चाहिए. इससे आपको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा बाथरूम के दरवाजे हरवक्त बंद रखने से भी घर में कंगाली आती है.
टॉयलेट के पानी की निकासी दक्षिण या पश्चिम दिशा से न हो
वास्तुशास्त्र के अनुसार टॉयलेट में कमोड की बैठक इस प्रकार रखनी चाहिए कि बैठने वाले का मुंह उत्तर की ओर पीठ दक्षिण दिशा की ओर हो. टॉयलेट का निकलने वाला गंदा पानी उत्तर या पूर्व दिशा से निकलना शुभ होता है. आपके घर के टॉयलेट के पानी की निकासी दक्षिण या पश्चिम दिशा से बिल्कुल नहीं होनी चाहिए. ऐसा होने से घर में कभी शांति नहीं रहती. सीढ़ियों के नीचे रोजाना इस्तेमाल होने वाले कमरे नहीं बनाने चाहिए.
सीढ़ियों का निर्माण उत्तर से दक्षिण की ओर करवाना चाहिए
वास्तुशास्त्र के नियम के अनुसार सीढ़ियों का निर्माण उत्तर से दक्षिण की ओर अथवा पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर करवाना चाहिए. उत्तर-पश्चिम भाग संध्या के सूर्य की तपती रोशनी से प्रभावित रहता है. वास्तु में इस स्थान को शौचालय, स्टोर रूम, स्नान घर यानी बाथरूम बनाने के लिए उपयुक्त बताया गया है. नहाने के लिए बाथरूम बनाने का सबसे अच्छा स्थान उत्तर या पूर्व दिशा होती है.