जीवन में हर कोई सुख-समृद्धि पाना चाहता है और इसके लिए तमाम प्रयास भी करते हैं. बावजूद इसके सफलता नहीं मिलती. ऐसे में शनिदेव को प्रसन्न करके जीवन में सफलता के साथ-साथ सुख-समृद्धि पाई जा सकती है. बता दें कि शनि से संबंध रखने वाला पौधे का नाम शमी है. शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए और पीड़ा से मुक्ति के लिए शमी के पौधे का विशेष प्रयोग होता है. शनि संबंधी पीड़ा के निवारण के लिये पीपल के वृक्ष की पूजा भी अचूक होती है.
शमी की पूजा कैसे करें ?
शमी का पौधा किसी भी स्थिति में जीवित रह सकता है. अत्यंत शुष्क स्थितियां भी इसको नुकसान नहीं पंहुचा सकती. इसके अन्दर छोटे छोटे कांटे भी पाए जाते हैं , ताकि यह सुरक्षित रहे. इसके कठोर गुणों और शांत स्वभाव के कारण इसका संबंध शनि देव से जोड़ा जाता है. शनिवार शाम को शमी के पौधे के नीचे दीपक जलाएं, इससे शनि सम्बन्धी पीड़ा से निजात मिलेगी. शनि अगर मारक हो तो शमी की लकड़ियों पर तिल के दानों से हवन करना चाहिए.
पीपल के वृक्ष से शनि का संबंध क्या है ?
पीपल के वृक्ष के गुण शनि से काफी मिलते जुलते हैं. इसके अलावा पीपल को शनि के ईष्ट श्री कृष्ण का स्वरूप माना जाता है. पीपल से सम्बन्ध रखने वाले पिप्पलाद मुनि ने ही शनि को दंड दिया था. तबसे माना जाता है कि ,पीपल की वृक्ष की पूजा करने से शनि की पीड़ा शांत होती है. सामान्यतः शनि पीड़ा की शांति के लिये पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिये. इसके अलावा अगर शनि के कारण संतान या समृद्धि में बाधा आ रही हो तो, ढेर सारे पीपल के पौधे लगाने चाहिये.