Ratna Astrology: शरीर की ऊर्जा को ग्रहों की एनर्जी के साथ मैच करवा देते हैं रत्न, जानिए अधिक लाभ के लिए इन्हें कब और कैसे करना चाहिए धारण 

Astrology: रत्न शरीर की ऊर्जा को ग्रहों की ऊर्जा के साथ मैच करवा देते हैं. इसी आधार पर इनसे लाभ या हानि होती है. आइए जानते हैं रत्न कब और कैसे धारण करना चाहिए. इसको पहनने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं.

Ratna Astrology
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:28 PM IST
  • हमेशा राशि के अनुसार धारण करना चाहिए रत्न  
  • एक बार रत्न पहनने के बाद उसे बार-बार नहीं निकालना चाहिए बाहर 

Rules for Wearing Gemstones: रत्न शास्त्र में रत्न धारण करने के नियम और इसके महत्व बताए गए हैं. इसमें हर समस्या के निदान के लिए कोई न कोई रत्न बताया गया है. रत्न धारण करने के भी कुछ नियम होते हैं. यदि नियमों का पालन नहीं किया गया तो ये लाभ की जगह हानि पहुंचाने लगते हैं. 

इन दो चीजों का रखें ध्यान 
रत्न एक विशेष तरीके की ऊर्जा का स्रोत हैं. ये शरीर की ऊर्जा को ग्रहों की ऊर्जा के साथ मैच करवा देते हैं. इसी आधार पर इनसे लाभ या हानि होती है. रत्नों को धारण करने से पहले दो चीजों का ध्यान रखना आवश्यक होता है. पहला उनका वजन और दूसरा उनका समय. इन दोनों चीजों को देखे बिना रत्नों को पहनाना खतरनाक हो सकता है. 

रत्नों के वजन में किन बातों का रखें ध्यान 
रत्न पहनते समय ग्रहों की स्थिति और आवश्यकता दोनों देखना होगा, तब जाकर रत्नों के वजन का अनुमान कर सकते हैं. रत्नों का वजन ग्रहों के अंश के आधार पर करें. व्यक्ति के वजन के आधार पर नहीं. इसके अलावा किसी रत्न की रश्मि की ज्यादा आवश्यकता है तो बड़ा रत्न पहनें और कम आवश्यकता है तो छोटा रत्न धारण करें. 

क्या है रत्न धारण करने का सही तरीका
रत्न बन जाने के बाद उसे गंगाजल या दूध से धो लें. इसके बाद इसे ईश्वर को समर्पित करें. समर्पित करने के बाद इसे उपयुक्त अंगुली में धारण कर लें. रत्नों को अगर शुभ मुहूर्त में बनवाया जाय तो उत्तम होगा. इसके अलावा इनको शुक्ल पक्ष में ही धारण करना चाहिएं. मोती को विशेष रूप से शुक्ल पक्ष में ही पहनें. रत्न हमेशा राशि के अनुसार ही धारण करना चाहिए. इसके साथ ही लहसुनियां-हीरा, मूंगा-नीलम, नीलम-माणिक इन सभी को कभी एक साथ नहीं पहनना चाहिए. इन रत्नों को आप एक साथ तभी पहन सकते हैं जब ग्रहों की अवस्था हो या दशा-अन्तर्दशा चल रही हो, तभी ये रत्न आपके लिए फलदायी साबित होंगे.

रत्न धारण करने से पहले किन बातों का रखें ध्यान 
1. रत्न को पहनने से पहले उसकी पूजा करनी चाहिए. 
2. रत्न बन जाने के बाद उसे गंगाजल या दूध से धो लें.
3. इसके बाद रत्न को ईश्वर को समर्पित करें. 
4. रत्न को हमेशा सुबह के समय धारण करना चाहिए.
5. रत्न को हमेशा उससे संबंधित धातु में ही पहनना चाहिए.
6. किसी रत्न की रश्मि की ज्यादा आवश्यकता है तो बड़ा रत्न पहनें और कम आवश्यकता है तो छोटा. 
7. रत्न को एक धारण करने के बाद उसे बार-बार नहीं निकालें. 
8. खंडित या टूटा-फूटा रत्न को नहीं पहने. 
9. रत्न धारण करने से पहले अपनी कुंडली को ज्योतिषी से जंचवाल लें. 

क्या रत्नों की होती है एक्सपायरी 
रत्नों की एक ऊर्जा होती है, जो शरीर की ऊर्जा को संतुलित करती है. कुछ समय बाद उस रत्न की ऊर्जा शरीर के साथ मिल जाती है, तब रत्न शरीर के लिए प्रभावहीन हो जाता है. ऐसी दशा में रत्न या तो बदल देना चाहिए या रत्नों को दोबारा से ऊर्जावान कर लेना चाहिए. 


 

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