Vastu Tips for Mirrors: घर में पॉजिटिव एनर्जी और पैसा बनाये रखने के लिए इस दिशा में लगाएं शीशा, सब कुछ होगा सही

घरों में शीशा या मिरर सिर्फ एक सजावटी चीज या बस काम में आने वाली चीज नहीं है. बल्कि यह और भी कई बातों के लिए उपयोगी है. खासकर कि घर के वास्तु के लिए. क्योंकि वास्तु के अनुसार, शीशों को घर में आगे सही तरीके से रखा जाए, तो ये घर की ऊर्जा को बदल सकते हैं.

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निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 25 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST
  • हमेशा घर की पूर्वी और उत्तरी दीवारों पर लगाएं शीशा
  • शीशे के आकार पर दें ध्यान

घरों में शीशा या मिरर सिर्फ एक सजावटी चीज या बस काम में आने वाली चीज नहीं है. बल्कि यह और भी कई बातों के लिए उपयोगी है. खासकर कि घर के वास्तु के लिए. क्योंकि वास्तु के अनुसार, शीशों को घर में आगे सही तरीके से रखा जाए, तो ये घर की ऊर्जा को बदल सकते हैं. 

शीशे में सकारात्मकता को आकर्षित करने और नकारात्मक ऊर्जाओं को प्रतिबिंबित या अस्वीकार करने की क्षमता होती है. वे वास्तु दोषों को ठीक कर सकते हैं. बस आपको उन्हें सही जगह पर लगाना है. वास्तु शास्त्र के अनुसार अपने घरों में शीशा लगाने के कुछ नियम इस प्रकार हैं. 

शीशों को किस दिशा में लगाएं: 

शीशा हमेशा घर की पूर्वी और उत्तरी दीवारों पर लगाना चाहिए और कभी भी दक्षिणी या पश्चिमी दीवारों पर नहीं लगाने चाहिए.  

सूटेबल एरिया: 

ड्रेसिंग रूम और वॉशरूम के अलावा, डाइनिंग एरिया में डाइनिंग टेबल के ठीक सामने शीशे लगाए जा सकते हैं, ताकि भोजन करते समय पूरा परिवार आईने में दिखाई दे. वास्तु के अनुसार, ऐसा होने से घर में समृद्धि आती है और  परिवार के सदस्यों के बीच प्यार और स्नेह को बढ़ाता है. 

शीशे का आकार कैसा हो: 

वास्तु शास्त्र में वर्गाकार और आयताकार आकृतियों (स्क्वायर एंड रेक्टेंगुलर शेप) को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि वे समान रूप से ऊर्जा फैलाते हैं।। ओवल और सर्कल को सबसे अच्छा नहीं माना जाता है और इनसे बचना चाहिए. हालांकि आपके रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाला शीशा किसी भी आकार को लेकिन वास्तु के लिए अनियमित आकार से बचा जाना चाहिए. 

धन में सुधार:

अपने लॉकर के अंदर एक शीश रखने से आपके धन में सुधार हो सकता है. सुनिश्चित करें कि शीश एक पीस में होना चाहिए और यह लॉकर की या अंदर रखी चीजों की विकृत छवि नहीं दिखाता है.

शीशे को रखने साफ: 

आप जहां भी शीशा लगाएं, यह सुनिश्चित करें कि वह बिल्कुल साफ और बेदाग हो. रिफ्लेक्टिव सरफेस पर स्टिकर या बिंदी जैसी कोई चीज़ न चिपकाएं. 

बेडरूम में शीशा: 

मास्टर बेडरूम दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. जिसमें अर्थ एलिमेंट (पृथ्वी तत्व) ज्यादा होता है. जबकि, शीशा जल तत्व है और अस्थिरता से जुड़ा है/ वास्तु के अनुसार इस कमरे में शीशा लगाना उचित नहीं है. क्योंकि यह पृथ्वी तत्व की ऊर्जा में हस्तक्षेप करेगा और अराजकता पैदा करेगा.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है. यह कोई एक्सपर्ट राय नहीं है. लेकिन अगर आप वास्तु के हिसाब से चीजें करना चाहते हैं तो एक्सपर्ट की राय ले सकते हैं. 

 

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