ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी कहा जाता है. भीम ने एक मात्र इसी उपवास को रखा था और मूर्छित हो गए थे. अतः इसको भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन बिना जल के उपवास रहने से साल की सारी एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त हो जाता है. देखिए किस्मत कनेक्शन.
The Ekadashi Tithi of Jyeshtha Shukla Paksha is called Nirjala Ekadashi. Bhima had observed this fast only and fell unconscious. It is also called Bhimseni Ekadashi.