देश में 2000 रुपए के नोट चलन से बाहर कर दिए गए हैं. इन नोटों के बदलने के लिए समय सीमा तय कर दी गई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आम लोगों से कहा है कि नोटों को बदलने के लिए हड़बड़ी दिखाने की जरूरत नहीं है. इसके लिए 4 महीने का समय दिया गया है. चलिए आपको बताते हैं कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकात दास ने 2000 के नोटों को बंद करने को लेकर 10 बड़ी बातें क्या कही.
- गवर्नर ने कहा कि जिसके पास भी 2000 रुपए के नोट हैं, वो उसे अपने बैंक खाते में जमा कर सकता है या किसी दूसरी मूल्य की मुद्रा में बदल सकता है.
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि बैंकों को 2000 का नोट बदलने के लिए जरूरी व्यवस्था करने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही गवर्नर ने उम्मीद जताई है कि 30 सितंबर की समय सीमा खत्म होने तक 2000 रुपए के ज्यादातर नोट वापस हो जाएंगे.
- गवर्नर ने कहा कि ये फैसला केंद्रीय बैंक के मुद्रा प्रबंधन का हिस्सा है. उन्होंने साफ कहा कि 2000 रुपए का नोट वैध मुद्रा बना रहेगा.
- शक्तिकांत दास ने कहा कि चलन में मौजूद कुल मुद्रा में 2000 रुपए के नोट का हिस्सा सिर्फ 10.8 फीसदी है.
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 2000 के नोटों के चलन से हटाने के फैसले का अर्थव्यवस्था पर बहुत ही सीमित असर होगा.
- उन्होंने कहा कि साल 2016 में नोटबंदी के बाद कैश की कमी की भरपाई के लिए 2000 के नोट लाए गए थे.
- शक्तिकांत दास ने कहा कि यूक्रेन युद्ध और पश्चिम के देशों में कुछ बैंकों के नाकाम होने के बावजूद देश की मुद्रा प्रबंधन प्रणाली काफी मजबूत और विनिमय दर स्थिर है.
- आरबीआई ने कहा कि सिस्टम में पहले से ही काफी कैश है. सिर्फ आरबीआई के पास ही नहीं, बैंकों की करेंसी चेस्ट में भी काफी कैश है. चिंता की कोई बात नहीं है.
- गवर्नर ने कहा कि आरबीआई लोगों की समस्याओं को लेकर संवेदनशील है. अगर लोगों को किसी तरह की दिक्कत आती है तो जरूरत होने पर आरबीआई उसका समाधान करेगा.
- शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंक खाते में 50 हजार रुपए या इससे ज्यादा कैश जमा करने पर पैन की अनिवार्यता का नियम लागू है, वो 2000 रुपए के नोटों के मामले में भी लागू होगा. उन्होंने कहा कि सिस्टम में कैश या तरलता की स्थिति की लगातार निगरानी की जाएगी.
ये भी पढ़ें: