चौथी अखिल भारतीय तिमाही रोजगार सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2022 को समाप्त तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग, शिक्षा, आईटी/बीपीओ और स्वास्थ्य सहित नौ गैर-कृषि औपचारिक क्षेत्रों में रोजगार में चार लाख नौकरियों की वृद्धि हुई है. इस रिपोर्ट को मंगलवार को जारी किया गया है.
श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा कि, "इसके साथ, मैन्युफैक्चरिंग, निर्माण, व्यापार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रेस्तरां, आईटी / बीपीओ और वित्तीय सेवाओं में कार्यरत श्रमिकों की कुल संख्या तीसरी तिमाही में 3.14 करोड़ से बढ़कर 3.18 करोड़ हो गई, जो की दूसरी तिमाही में 3.10 करोड़ थी और 2021-22 की पहली तिमाही में 3.08 करोड़, गया है. कुल मिलाकर, नौ क्षेत्रों में कुल रोजगार में 1 जनवरी, 2021 और 1 जनवरी, 2022 के बीच 10 लाख की वृद्धि हुई."
रोजगार बढ़ने से सुधरी अर्थव्यवस्था
मंत्रालय ने दावा किया कि रोजगार के आंकड़ों में वृद्धि होने के कारण आर्थिक गतिविधियों में भी सुधार देखा गया है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल जारी किए गए संशोधित सर्वेक्षणों की श्रृंखला में चौथा, विनिर्माण सबसे अधिक नियोक्ता बना रहा, जो कुशल कार्यबल का 38% हिस्सा है, इसके बाद शिक्षा (22%), आईटी / बीपीओ (12%) और स्वास्थ्य (11%)। कुल मिलाकर, इन चार क्षेत्रों में रोजगार नौ क्षेत्रों में कुल अनुमानित कार्यालय का 83% है.
हर क्षेत्र में कितनी बढ़ी नौकरियां
रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापार और परिवहन क्षेत्रों में कुल अनुमानित श्रमिकों का क्रमशः 5.3% और 4.2% शामिल है. श्रम मंत्रालय ने यह भी कहा कि छठी आर्थिक जनगणना (2013-14) में सामूहिक रूप से लिए गए नौ चयनित क्षेत्रों में कुल रोजगार 2.37 करोड़ बताया गया था. सर्वेक्षण ने पिछली तिमाही में महिला श्रमिकों की भागीदारी में तीसरी तिमाही में 31.6% से चौथी तिमाही में 31.8% की मामूली वृद्धि दर्ज की. स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यबल का लगभग 52 प्रतिशत, शिक्षा में 44 प्रतिशत, वित्तीय सेवाओं में 41 प्रतिशत और आईटी/बीपीओ क्षेत्र में 36 प्रतिशत महिला कामगार हैं। वित्तीय सेवा क्षेत्र में स्व-नियोजित व्यक्तियों में महिला श्रमिकों की संख्या भी पुरुषों से अधिक है.