25 साल की उम्र में Alexandr Wang बने अरबपति, जानिए कैसे खड़ी की 56 हजार करोड़ रुपए की कंपनी

अलेक्जेंडर वांग (Alexandr Wang) की कोडिंग में रूचि बढ़ी तो 19 साल की उम्र में कंपनी ही बना दी. अब उस कंपनी की वैल्यू 56 हजार करोड़ से ज्यादा हो गई. फ़ोर्ब्स ने उनका नाम दुनिया के सबसे कम उम्र के सेल्फमेड अरबपति के रूप में शामिल किया है.

Alexandr Wang/Twitter
केतन कुंदन
  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2022,
  • अपडेटेड 10:24 PM IST
  • गर्मी की छुट्टी में बनाई कंपनी
  • कंपनी के लिए छोड़ दी कॉलेज की पढ़ाई

अगर हम जिंदगी में कुछ बड़ा करने की ठान लेते हैं और उसको पाने के लिए जी जान लगा देते हैं तो तो कोई वजह नहीं बचती कि वो हमें हासिल न हो. हमारे सामने ऐसे कई उदाहरण हैं जिसमें हमने देखा है कि कॉलेज जाने की उम्र में अमुक लड़के ने करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी. जैसे कि ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल, जिरोधा के फाउंडर नितिन कामत, ओला के फाउंडर भविश अग्रवाल, पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर समेत कई उदाहरण हैं. इन सब में एक बात कॉमन है. और वो है उम्र. सबके सब 30 की उम्र से पहले ही अरबपति बन गए. लेकिन आज कहानी एक ऐसे शख्स की जो महज 25 साल की उम्र में ही उस उंचाई पर पहुंच गया है जिसकी चर्चा पूरी दूनिया में हो रही है. कोडिंग में दिलचस्पी हुई तो कंपनी ही बना दी और देखते-देखते मात्र 6 साल में उस कंपनी की वैल्यू 56 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है. चलिए बताते हैं कि कैसे यह संभव हुआ. 

डिज्नी वर्ल्ड में फ्री टिकट पाने की चाह ने दिखाई राह 

फ़ोर्ब्स (Forbes) ने हाल में जो बिलियनर की लिस्ट जारी की है उसमें अमेरिका के अलेक्जेंडर वांग (Alexandr Wang) को पूरी दुनिया में सबसे कम उम्र का सेल्फ-मेड अरबपति बताया गया है. अलेक्जेंडर पढ़ने में ठीक थे. जब वो छठी क्लास में थे तो एक बार उन्होंने डिज्नी वर्ल्ड का फ्री टिकट पाने के लिए कोडिंग और मैथ्स कॉम्पिटिशन में भाग लिया. यह वह समय था जब अलेक्जेंडर का ध्यान कोडिंग की तरफ गया और इसमें दिलचस्पी पैदा हुई. परिणाम रहा कि 17 साल की उम्र में ही वेबसाइट क्वोरा के लिए कोडिंग करने लगे.

19 की उम्र में बनाई कंपनी

अलेक्जेंडर वांग जब महज 19 साल के थे तभी उन्होंने अपने साथी के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एक कंपनी बनाई. जिसका नाम स्केल एआई (Scale AI) है. स्केल एआई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर कंपनियों के लिए डेटा एनालिसिस करती है. स्केल एआई 300 से ज्यादा कंपनियों के लिए काम कर रही है. यहां तक कि अमेरिकन एयर फोर्स और अमेरिकन आर्मी के लिए भी अलेक्जेंडर की कंपनी काम करती है. हाल ही में रूस की ओर से यूक्रेन पर किए गए बमबारी से कितना नुकसान हुआ इसका भी आकलन उनकी कंपनी ने किया है.

कॉलेज ड्रॉपआउट हैं अलेक्जेंडर

अलेक्जेंडर ने  MIT (मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में एडमिशन तो लिया लेकिन उसे कंटीन्यू नहीं कर पाए. कॉलेज से गर्मी की छुट्टी मिली तो साथी लुसी ग्युओ के साथ मिलकर कंपनी बना दी. कंपनी के लिए अलेक्जेंडर पढ़ाई छोड़ना चाहते थे लेकिन उनके पेरेंट्स नहीं चाहते थे कि वो पढ़ाई छोड़ दें. अलेक्जेंडर ने अपने पैरेंट्स को भरोसा दिलाया कि वो इस कंपनी के लिए बस गर्मी की छुट्टियों में ही काम करेंगे और कॉलेज खुलने के बाद अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. फंडिंग मिलते ही उन्होंने कॉलेज नहीं जाने का फैसला किया और कंपनी को ही आगे बढ़ाने का सोचा.

कंपनी की वैल्यू बढ़कर हो गई 56 हजार करोड़ से ज्यादा

अलेक्जेंडर वांग की कंपनी स्केल एआई की वैल्यू 56 हजार करोड़ से ज्यादा हो चुकी है. पिछले साल ही कंपनी को 2,500 करोड़ रु की फंडिंग मिली. बता दें कि कंपनी में अलेक्जेंडर का शेयर 15% है. 


 

 

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