बादाम भारत के सबसे लोकप्रिय सूखे मेवों में से एक है. इसमें ऊर्जा बढ़ाने वाले गुण होते हैं. वैसे तो बादाम दुनिया भर में उगाया जाता है लेकिन ज्यादातर एशिया के दक्षिण और मध्य पूर्व भाग में इसकी खेती होती है. कैलिफ़ोर्निया के बादाम पूरी दुनिया में बहुत लोकप्रिय हैं. वहीं भारत में बादाम की खेती मुख्य रूप से ठंडे क्षेत्रों में होती है जैसे जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड आदि.
बादाम को सूखे मेवे या नट के रूप में खाया जा सकता है. इसके अलावा स्वादिष्ट और मीठे व्यंजन बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसका सेवन दूध के साथ भी किया जाता है. हाल ही में बादाम की खेती व्यवसाय के तौर पर काफी लोकप्रियता प्राप्त कर रही है. ऐसे में कोई भी इसकी खेती करके मालामाल हो सकता है. आइए बादाम की खेती के बारे में थोड़ा डिटेल में बात करते हैं.
बादाम की खेती के लिए मिट्टी
बादाम की खेती दोमट, गहरी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी के लिए सबसे उपयुक्त होती है. बादाम के पेड़ भारी या खराब जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छी तरह से नहीं उग पाते हैं. बादाम की खेती 7 डिग्री से 25 डिग्री तक की जलवायु वाले इलाकों में आसानी से की जा सकती है.
स्वास्थ्य लाभ
बादाम आपके स्वास्थ के लिए भी काफी लाभदायक है. यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं, जिससे दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है. इसके अलावा बादाम स्वस्थ वसा प्रदान करते हैं और वजन घटाने में भी सहायता कर सकते हैं. बादाम आपके मस्तिष्क को मजबूत बनाता है और दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं.
कितना मुनाफा?
आमतौर पर बादाम का पेड़ 3-4 साल में फल देने लगता है, लेकिन पूरी क्षमता से फल देने में बादाम के पेड़ को करीब 6 साल लग जाते हैं. एक बार लगाने के बाद बादाम का पेड़ 50 साल तक फल दे सकता है. हालांकि आपके द्वारा लगाया जा रहे बादाम के हिसाब से इसका मुनाफा तय किया जा सकता है, मतलब कि बादाम की क्वालिटी बताती है कि इसके कितने पैसे चुकाने चाहिए. बाजार में बादाम का भाव 600 रुपए से 1000 रुपए प्रति किलोग्राम है. एक पेड़ से 2-2.5 किलो सूखे बादाम हर साल मिलते हैं. यानी कि बार बार खेती के खर्च से भी फुर्सत.
खेती से पहले ध्यान में रखने वाली बातें