Amazon History & Facts: ऑनलाइन किताब बेचने के लिए हुई थी अमेजन की शुरुआत, खुद पार्सल पहुंचाने जाते थे जेफ बेजोस, आज है दुनिया की नंबर एक ई-कॉमर्स कंपनी

5 जुलाई 1994 में अपने घर के गैराज से जब जेफ बेजोस ने अमेजन की शुरुआत की थी उस वक्त उन्होंने भी ये नहीं सोचा होगा कि आगे चलकर ये कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी बन जाएगी.

Amazon/Jeff bezos
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 10:36 AM IST
  • अमेजन की आज ही के दिन साल 1994 में शुरुआत हुई थी
  • 18 डॉलर प्रति शेयर के भाव पर लिस्ट हुआ था अमेजन का शेयर

5 जुलाई 1994 में अपने घर के गैराज से जब जेफ बेजोस ने अमेजन की शुरुआत की थी उस वक्त उन्होंने भी ये नहीं सोचा होगा कि आगे चलकर ये कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी बन जाएगी. 28 साल पहले आज ही के दिन अमेजन की शुरुआत हुई थी. जेफ बेजोस ने वॉशिंगटन स्थित अपने घर के गैराज में कंपनी की नींव डाली. बढ़ते इंटरनेट यूज के दौर में आज अमेजन 1115 बिलियन डॉलर की कंपनी है.

अमेजन में लगा दी माता-पिता के जीवनभर की कमाई

बाजार जाकर खरीददारी की समस्याओं से जूझने के बाद बेजोस को समझ आया कि इंटरनेट के बढ़ते दौर में ई-मार्केटिंग कंपनी का भविष्य बेहतर रहेगा. उस वक्त जेफ बेजोस 30 साल के थे. 1994 में बेजोस ने ऑनलाइन किताबों की दुकान स्थापित करने के लिए निवेश फर्म की नौकरी छोड़ दी. आज उस कंपनी को दुनिया Amazon.com के नाम से जानती है. अमेजन को बनाने में उन्होंने अपने मां-बाप के जीवन भर की कमाई लगा दी. जेफ को 70 प्रतिशत तक यकीन था कि उनके माता-पिता की जीवनभर की कमाई डूब जाएगी लेकिन बावजूद इसके उन्होंने रिस्क लिया. जेफ के माता-पिता ने भी बेटे का पूरा सहयोग किया. शुरुआत में जेफ बेजोस ने ऑनलाइन बेचे जा सकने वाले 20 प्रॉडक्ट्स की लिस्ट तैयार की लेकिन उनका फोकस किताबों की बिक्री पर था.
 

गैराज से दो बेडरूम के मकान में शिफ्ट हुई कंपनी

जेफ बेजोस के पास अमेजन के विकास और ई-कॉमर्स वर्चस्व के लिए एक दृष्टिकोण था. वे चाहते थे कि अमेजन पर हर सामान उपलब्ध हो. कंपनी ने शुरुआती 30 दिन में ही 20 हजार डॉलर हर हफ्ते के हिसाब से सामान बेचा था. इसके बाद गैराज से निकलकर वे इस कंपनी को दो बेडरूम के मकान में ले गए. किताबें ऑनलाइन बेचने का सॉफ्टवेयर बेजॉस ने खुद बनाया था. उस वक्त उनके पास तीन कंप्यूटर थे. ठीक एक साल बाद जेफ बेजोस ने वेबसाइट लॉन्च किया. लॉन्च के एक महीने के भीतर ही अमेजन पूरे अमेरिका में किताबें पहुंचाने लगा. आज बेशक दुनिया की नंबर एक ई कॉमर्स कंपनी है, इसके ऑफिस शानदार हैं लेकिन अमेजन में काम करने वालों का जीवन हमेशा इतना ग्लैमरस नहीं था. जेफ बेजोस कई बार खुद पार्सल पहुंचाने जाते थे. शुरुआती दिनों में अमेजन के कर्मचारी बहुत छोटे कमरों में बैठकर काम करते थे.

अमेजन नदी पर रखा कंपनी का नाम

शुरुआती दिनों में कंपनी का नाम कडाब्रा डॉट कॉम था लेकिन इस नाम को बोलने में बहुत दिक्कत होती थी कई बार लोग इसे कैडबरा भी बोलते थे, इसलिए जेफ बेजोस ने अपनी कंपनी का नाम बदलने का सोचा. नए नाम की तलाश में जेफ बेजोस ने डिक्शनरी छान मारी, तब उन्हें अमेजन नाम सूझा. अमेजन दुनिया की सबसे बड़ी नदी का नाम है. वे चाहते थे कि उनकी कंपनी भी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी हो. बस इसलिए जेफ बेजोस ने अपनी कंपनी का नाम अमेजन रखा.

18 डॉलर प्रति शेयर के भाव पर लिस्ट हुआ था अमेजन का शेयर

अमेजन 1997 में सार्वजनिक कंपनी बन गई. अमेजन का पहला शेयर मई 1997 में नास्डैक में 18 डॉलर प्रति शेयर के भाव पर लिस्ट हुआ था. साल 2007 में एमेजॉन ने अमेजन म्यूजिक और अमेजन किंडल की शुरुआत की. इसके माध्यम से पुस्तक को तुरंत डाउनलोड करके पढ़ा जा सकता था. जेफ बेजोस का ये प्रयोग सफल रहा. लोगों को किताब पढ़ने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता था. 2013 में अमेजन भारत में भी अपना कारोबार करने लगा. 

वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म Prime Video भी है

आज अमेजन दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन बिक्री कंपनी है, और राजस्व के मामले में सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी है. आज कंपनी के पास अपना वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म Prime Video है. अमेजन का फाउंडर जेफ बेजोस आज दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स हैं. 5 जुलाई 2021 को जेफ बेजोस ने अमेजन के सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया. फिलहाल अमेजन के सीईओ एंडी जैसी हैं. सीईओ का पद छोड़ने के बाद बेजॉस अब एग्जिक्यूटिव चेयरमैन के रूप में कंपनी का कामकाज देख रहे हैं.

 

Read more!

RECOMMENDED