12वीं पास एक शख्स ने फैमिली बिजनेस को छोड़कर कुछ नया करने की सोची. उन्होंने शेयर मार्केट में ब्रोकिंग बिजनेस में किस्मत आजमाई. धीरे-धीरे मेहनत और लगन स सफलता हासिल करते चले गए. आज हजारों करोड़ के मालिक हैं. चलिए आपको एंजेल वन (Angel One) कंपनी के फाउंडर दिनेश ठक्कर (Dinesh Thakkar) की कहानी बताते हैं.
90 के दशक में कारोबार की शुरुआत-
दिनेश ठक्कर मुंबई के रहने वाले हैं. मुलुंड में उनकी फैमिली का कपड़ों का कारोबार था. लेकिन उन्होंने फैमिली बिजनेस की जगह कुछ और करने की सोची. दिनेश ठक्कर ने स्टॉक मार्केट में तब कदम रखा था, जब उनकी उम्र 20 साल से कुछ ज्यादा थी. वो शेयर मार्केट से पैसा कमाना चाहते थे और फैमिली के टेक्सटाइल बिजनेस के लिए नई टेक्नोलॉजी खरीदना चाहते थे. शुरुआत में उनको फायदा भी हुआ. लेकिन बाद में मार्केट गिरा तो पूरी पैसा डूब गया. उन्होंने फिर से दोस्तों से पैसा लेकर शेयर मार्केट में पैसा लगाया. लेकिन साल 2001-02 में उनको अपना कारोबार फिर समेटना पड़ा.
बीमारी के बाद भी ब्रोकिंग पर भरोसा बनाए रखा-
साल 2006-07 में 45 साल की उम्र में दिनेश ठक्कर को स्लिप डिस्क की समस्या का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने वेट ट्रेनिंग शुरू की. उन्होंने पूरी तरह से शाकाहारी भोजन अपना लिया. साल 2005-08 के दौरान जब उनके सारे दोस्त एनबीएफसी जैसे बिजनेस में चले गए तो उन्होंने रिटेल ब्रोकिंग पर अपना फोकस बनाए रखा.
रियल स्टेट उद्योग में निवेश-
दिनेश ठक्कर की दिलचस्पी रियल स्टेट उद्योग में भी हो गई है. उन्होंने असाधारण आलीशान संपत्तियों में निवेश किया और उनका निर्माण किया. ठक्कर की मेहनत और लगन से एंजेल वन भारत में एक प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी बन गई. इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है.
दिनेश ठक्कर को लग्जरी गाड़ियों का शौक है. उनके पास लेम्बोर्गिनी स्टेराटो से लेकर बीएमडब्ल्यू आई7 जैसी लग्जरी गाड़ियां हैं. आज दिनेश ठक्कर इस फील्ड में उद्ममी बनने वाले लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.
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