Happy Birthday Azim Premji: विप्रो के मालिक और भारत के सबसे बड़े दानवीर अजीम प्रेमजी का आज जन्मदिन है. उनका जन्म 24 जुलाई 1945 को गुजराती मुस्लिम परिवार में हुआ था. उनके पिता मुहम्मद हाशिम प्रेमजी जाने माने बिजनेसमैन थे. उन्हें बर्मा के राइस किंग के रूप में जाना जाता था. उनकी कंपनी साबुन और वेजिटेबिल ऑयल के कारोबार में थी. हाशिम प्रेमजी को मुहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान बुलाया था लेकिन उनके पिता ने ये निमंत्रण ठुकरा दिया और भारत में रहने का फैसला किया.
21 साल में संभाला पिता का कारोबार
अजीम प्रेमजी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ साइंस में पढ़ाई कर रहे थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया और उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी. हालांकि उन्होंने 30 साल बाद अपनी पढ़ाई पूरी की. हाशिम प्रेमजी के आक्समिक निधन के बाद छोटी उम्र में न केवल उन्होंने पिता की विरासत को संभाला बल्कि उसे कामयाबी के आसमान पर पहुंचा दिया. उनकी कंपनी वेस्टर्न इंडियन वेजिटेबल प्रोडक्ट लिमिटेड अब बेकरी, हेयर केयर प्रोडक्ट्स और बच्चों से जुड़े प्रोडक्ट्स का उत्पादन भी करने लगी.
साबुन के कारोबार से तय किया आईटी कंपनी का सफर
1980 के दशक में आईटी के महत्व को समझते हुए अजीम प्रेमजी ने आईटी बिजनेस में कदम रखा. इस समय आईटी कंपनी IBM भारत से जा चुकी थी. उन्होंने एक अमेरिकी कंपनी सेंटिनल कंप्यूटर कॉर्पोरेशन की मदद से मिनी कंप्यूटरों के निर्माण के जरिए उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रवेश किया. इस तरह प्रेमजी ने साबुन के कारोबार से सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो तक का सफर तय किया. सर्वश्रेष्ठ लोगों को काम पर रखा और इसके दम पर 1980 में विप्रो ग्रुप का रेवेन्यू 43.1 करोड़ रुपए पहुंच गया. विप्रो के शेयरों के दाम आसमान छूने लगे. यह कंपनी आज देश की टॉप आईटी कंपनियों में शामिल है. आज यह कंपनी 66 देशों में फैली है. विप्रो में 2.40 लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. वित्त वर्ष 2021-22 में विप्रो का कारोबार 83 हजार करोड़ रहा है. आज विप्रो 2.25 लाख करोड़ के मार्केट कैप वाली कंपनी बन चुकी है
परोकारी कामों के लिए मशहूर हैं अजीम प्रेमजी
अजीम प्रेमजी अपने सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं. इसी के तहत उन्होंने 2001 में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना की थी. यह संस्था ग्रामीण क्षेत्रों में काम करती है. कोरोना काल में उन्होंने 9,713 करोड़ रुपये का दान दिया और भारत के सबसे बड़े दानवीर बने थे. वह समय-समय पर दान देते रहते हैं. अजीम प्रेमजी ने यासमीन प्रेमजी से शादी की है. उनके दो बच्चे रिशाद और तारिक हैं. रिशाद प्रेमजी फिलहाल आईटी कंपनी विप्रो के CSO हैं. अजीम प्रेमजी जुलाई 2019 में विप्रो के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन की भूमिका से हट गए. अजीम प्रेमजी को साल 2005 में पद्म भूषण सम्मान से और साल 2011 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.