Banyan Tree to Bombay Stock Exchange: कभी बरगद के पेड़ के नीचे रखी गई थी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की नींव, आज दुनिया के टॉप-5 शेयर मार्किट में से है एक

Bombay Stock Exchange Story: आजादी से भी कई साल पहले पांच लोगों ने मिलकर एक बरगद के पेड़ के नीचे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की नींव रखी थी.

Bombay Stock Exchange Story
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 26 जून 2023,
  • अपडेटेड 12:00 PM IST
  • दलाल स्ट्रीट हो गई मशहूर 
  • निवेशकों की संख्या 11 करोड़ के पार

भारतीय शेयर बाजार आज दुनिया के टॉप-5 शेयर बाजार में शामिल है. इसे एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज भी कहा जाता है। इसकी नींव आजादी से बहुत पहले एक पेड़ के नीचे रखी गई थी और आज बीएसई और एनएसई का नाम दुनिया भर में प्रसिद्ध है. 

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की बात करें तो इसकी शुरुआत की कहानी 1850 से जुड़ी है, जब पांच लोगों ने एक कदम आगे बढ़ाया और शेयर ब्रोकिंग शुरू की. आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज बाजार मूल्य के हिसाब से दुनिया का 11वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बन गया है. 

बरगद के पेड़ के नीचे पड़ी नींव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक माना जाता है कि साल1850 में शेयर बाजार की शुरुआत एक बरगद के पेड़ के नीचे हुई. दरअसल इस स्थान पर मुख्य रूप से कपास के कारोबार के लिए सौदे होते थे. उसी समय, चार गुजराती और एक पारसी व्यक्ति मुंबई के टाउन हॉल के सामने इस पेड़ के नीचे विभिन्न व्यापारियों के साथ बैठकें करने लगे.

चर्चगेट क्षेत्र में हरनिमन सर्कल के टाउन हॉल के पास इस पेड़ के नीचे दलाल इकट्ठा होते थे और शेयरों का व्यापार करते थे. पांच साल बाद यानी 1855 में जब दलालों की संख्या बढ़ गई तो इन लोगों ने इस काम के लिए एक कार्यालय भी खरीद लिया, जिसे आज 'बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज' के नाम से जाना जाता है.

इस तरह दलाल स्ट्रीट हो गई मशहूर 
ये दलाल मुंबई के मीडोज स्ट्रीट और एमजी रोड जंक्शन पर भी इकट्ठा होने लगे. यह जगह धीरे-धीरे दलाल स्ट्रीट के नाम से मशहूर हो गई. दलालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती गई और 1975 में द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन अस्तित्व में आया. इसे आधिकारिक स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत माना जाता है, जिसे अब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जाना जाता है. उस समय 318 लोगों ने एक रुपये की एंट्री फीस लेकर यह एसोसिएशन बनाई थी. 

बॉम्बे के कॉटन किंग कहे जाने वाले व्यवसायी प्रेमचंद रायचंद जैन को बीएसई का जनक कहा जाता है, वह नेटिव शेयर और स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के संस्थापक सदस्य थे. इस तरह की खरीद-फरोख्त सालों तक चलती रही और भारत को आजादी मिलने के 10 साल बाद 1957 में सरकार ने इसे सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट के तहत मान्यता दे दी. इसके बाद 1986 में BSE सेंसेक्स की शुरुआत हुई, जिसका आधार बिंदु 1000 था. 

निवेशकों की संख्या 11 करोड़ के पार
भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स की अहम भूमिका है. यह विभिन्न क्षेत्रों की 30 बड़ी कंपनियों के शेयरों को प्रबंधित करने का काम करता है. इसके अलावा BSE में 5,000 से ज्यादा कंपनियां रजिस्टर्ड हैं. जर्मनी स्थित डॉयचे बोरसे और सिंगापुर एक्सचेंज बीएसई के रणनीतिक भागीदार के रूप में जुड़े हुए हैं. इसके निवेशकों की संख्या अब 11 करोड़ से ज्यादा हो गई है. जबकि शेयर बाजार के आकार के हिसाब से भारतीय शेयर बाजार दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा बाजार है.

 

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