ज्यादातर माता-पिता बचपन में अपने बच्चों के लिए साइकिल खरीदते हैं. लेकिन कुछ साल बाद बच्चों का कद बढ़ जाता है और साइकिल छोटी हो जाती है. यह साइकिल ज्यादातर घर के एक कोने में बेकार पड़ी रहती है और आपको बच्चे के लिए उसके कद के हिसाब से नई साइकिल खरीदनी पड़ती है. लेकिन बंगलुरु का एक अनोखा स्टार्टअप इस समस्या को हल कर रहा है.
Gro Club नामक स्टार्टअप ने साइकिल के लिए सब्सक्रिप्शन सर्विस शुरू की है. जिस तरह आप महीने या साल के हिसाब से OTT या किसी ग्रोसरी एप का सब्सक्रिप्शन लेते हैं वैसे ही इस प्लेटफॉर्म से साइकिल सब्सक्रिप्शन पर ले सकते हैं. ग्रो क्लब के सह-संस्थापक और सीईओ पृथ्वी गौड़ा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्होंने बच्चों के लिए साइकिल खरीदने के पारंपरिक तरीके को बदलने की सोची. उन्होंने तर्क दिया, "जब आप पहले से ही जानते हैं कि आपका बच्चा अगले 12 महीनों से 15 महीनों में इस प्रोडक्ट (साइकिल) से बड़ा जाएगा, तो आप उस प्रोडक्ट को सब्सक्रिप्शन या रेंट पर क्यों नहीं ले सकते."
इको-फ्रेंडली है यह तरीका
2022 की शुरुआत में रूपेश शाह, हृषिकेश हलेकोटे शिवन्ना और सपना के साथ ग्रो क्लब की शुरुआत करने वाले गौड़ा का कहना है कि वह भारत में साइकिल खरीदने के तरीके को बदलना चाहते हैं. गौड़ा बताते हैं कि साइकिल जैसा उत्पाद लगभग 10 सालों तक चलने के लिए डिज़ाइन किया जाता है, लेकिन बच्चे कुछ साल में ही इसे साइड कर देते हैं और यह कोने में पड़ी रहती है. इससे सिर्फ कचरा बढ़ता है और आखिर में ज्यादातर साइकिल लैंडफिल में पहुंचती हैं. लेकिन सब्सक्रिप्शन के आधार पर साइकिल लेने से न केवल पैसे की बचत होती है बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है.
कैसे काम करता है यह सब्सक्रिप्शन मॉडल
गौड़ा ने बताया कि माता-पिता अपनी जरूरत के अनुसार कुछ महीनों से लेकर कुछ सालों तक उनसे साइकिल सब्सक्रिप्शन पर ले सकते हैं. जिसके लिए उन्हें मासिक या सालाना फीस देनी होगी. जब उनका बच्चा बड़ा हो जाए तो वे सब्सक्रिप्शन बंद करके साइकिल वापस कर सकते हैं या फिर प्लान अपग्रेड करके छोटी साइकिल के बदले बड़ी साइकिल ले सकते हैं.
अब जो भी साइकिल ग्रो क्लब के पास वापस आती हैं, उसकी मरम्मत करके वे इसे दूसरे छोटे बच्चे को दे सकते हैं. इस तरह से एक ही प्रोडक्ट को चार-पांच बच्चे इस्तेमाल कर सकते हैं. सबसे ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि सब्सक्रिप्शन मॉडल में कंपनी की तरफ से आपको फ्री मेंटेंन्स सर्विस भी मिलती है.
2 से 15 साल तक के बच्चों के लिए साइकिल
ग्रो क्लब एज ग्रुप के आधार पर अलग-अलग साइज में साइकिलें देता है. कंपनी 2 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों और किशोरों को सर्विस देती है. बात सब्सक्रिप्शन फीस की करूं तो मासिक आधार पर सब्सक्रिप्शन 250 रुपये से 699 रुपये तक होता है जिसमें डोरस्टेप डिलीवरी, कस्टमर सपोर्ट, रखरखाव और मुफ्त अपग्रेड शामिल है. गौड़ा के अनुसार, 2 और 6 वर्ष की आयु को पूरा करने वाली सदस्यता श्रेणी सबसे लोकप्रिय योजना है. वास्तव में, ग्रो क्लब के 40 प्रतिशत ग्राहक इसी आयु वर्ग के हैं.
अपनी स्थापना के बाद से, प्लेटफ़ॉर्म ने बेंगलुरु में लगभग 5,100 सक्रिय ग्राहकों को जोड़ने का दावा किया है. अभी तक, ग्रो क्लब सिर्फ बंगलुरु में अपनी सर्विस दे रहा है, लेकिन गौड़ा का कहना है कि वे हैदराबाद, मुंबई और पुणे में भी बिजनेस फैलाने पर विचार कर रहे हैं.