Income Tax Return Tips: फॉर्म भरते समय इन बातों का रखें ध्यान, अनजाने में कहीं आप भी न कर दें ये गलतियां

Income Tax Return Filing Tips : इनकम टैक्स रिटर्न (ITR )फॉर्म भरते समय ऐसी कुछ गलतियां होती हैं, जो लोग अनजाने में कर जाते हैं. लेकिन, इससे आयकर विभाग से नोटिस आने का खतरा बन जाता है.

इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय रखें इन बातों का ध्यान
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:41 PM IST
  • इनकम टैक्स रिटर्न में कॉन्टैक्ट डिटेल न भरें गलत
  • इन गलतियों से हो सकता है नोटिस आने का खतरा

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR )दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर, 2021 है. अगर आपको भी अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरना है तो आपको जानना जरूरी है कि फॉर्म भरते समय किन गलतियों से आपको बचना चाहिए. अगर ध्यान से ITR भरा जाए तो कभी कोई नुकसान नहीं होगा. ITR फाइल करते समय अक्सर लोग कई जरूरी बातें भूल जाते हैं. ऐसे में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. आइए आपको ऐसी कुछ बातें बताते हैं जो आपको ITR भरते समय ध्यान में रखना जरूरी है. 

गलत आकलन वर्ष चुनना, अपने बैंक खाते का पूर्व-सत्यापन न करना, धनवापसी प्राप्त करने के लिए गलत बैंक खाते का विवरण दर्ज करना, इसे दाखिल करने के 120 दिनों के भीतर अपनी रिटर्न का ई-सत्यापन नहीं करना. ये कुछ ऐसी गलतियां हैं, जो लोग अनजाने में कर जाते हैं लेकिन, इससे आयकर विभाग से नोटिस आने का खतरा बन जाता है. 

विदेशी बैंक खातों की जानकारी देना अनिवार्य

इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक, सभी टैक्सपेयर्स को बैंक खातों सहित सभी विदेशी संपत्तियों की जानकारी देना जरुरी है. अगर आपका किसी दूसरे देश में बैंक अकाउंट है तो इसकी जानकारी भी इनकम टैक्स रिटर्न में देनी होगी. अगर आपके पास विदेश में शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश है तो इसका विवरण भी जरूरी है.

कैपिटन गेन्‍स की जानकारी देना क्यों जरूरी

इनकम टैक्‍स रिटर्न में कैपिटल गेन्‍स की जानकारी देना जरूरी है. कैपिटन गेन्‍स की जानकारी आपको ITR फॉर्म 2 और 3 के शेड्यूल CG में देनी होती है. जब भी आप अपने एसेट यानि किसी भी तरह की संपत्ति को बेचते हैं तो इस पर हुए मुनाफे को कैपिटल गेन्स कहा जाता है. कैपिटल गेन्‍स दो तरह के होते हैं. इनमें एक शॉर्ट टर्म और दूसरा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स होता है. अगर इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त कोई निवेशक  LTCG की जानकारी नहीं देता है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेजेगा और सख्त कार्रवाई भी हो सकती है.
 
अधूरी या गलत बैंक डिटेल्स भरने से बचें

इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय हमेशा ध्यान रखें की आपने जो बैंक डिटेल्स भरी हैं वह एकदम सही होनी चाहिए. इसलिए आपको फॉर्म जमा करने से पहले एक बार फिर से चेक करना चाहिए. यह सुनिश्चित करें कि आपका बैंक अकाउंट नंबर, अकाउंट धारक का नाम और IFSC कोड सही हों. अधूरी या गलत बैंक डिटेल्स भरने से आईटी विभाग के लिए आपके बैंक अकाउंट में रिफंड जारी करने में दिक्कत होती है. 

दो से ज्यादा प्रॉपर्टी हैं तो बताना जरूरी 

अगर आपको पास दो से ज्यादा प्रॉपर्टी हैं तो यह आपको बताना जरूरी होगा. इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में संशोधन के मुताबिक दो प्रॉपर्टी को सेल्फ ऑक्यूपाइड क्लेम किया जा सकता है. अगर प्रॉपर्टी पूरे साल खाली रही है और उससे टैक्सपेयर्स को कोई वित्तीय फायदा नहीं हुआ है, तो भी वह टैक्सेबल है.

ध्यान से भरें फॉर्म 26AS 

टैक्सपेयर्स को हमेशा आईटीआर फाइल करते समय फॉर्म 26AS को ध्यान से पहले पढ़ लेना चाहिए, ताकि इसमें गलती होने की संभावना न हो. इसमें व्यक्ति की आय, टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS), एडवांस टैक्स पेड, सेल्फ असेसमेंट टैक्स पेड आदि की जानकारी रहती है. सभी सैलरी वाले लोगों को एंप्लॉयर के फॉर्म 16 और फॉर्म 26AS से अपनी जानकारी को मिलाकर चेक करना चाहिए.

कॉन्टैक्ट डिटेल न भरें गलत 

ITR फॉर्म में अपनी सभी जानकारियों को सही भरना बेहद जरूरी है. ध्यान रहे कि आपके नाम की स्पेलिंग, पूरा पता, ईमेल, कॉन्टैक्ट नंबर जैसी जानकारी आपके पैन, ITR और आधार में एक जैसी हो. वहीं, मोबाइल नंबर डालें जिस पर आपको मैसेज या कॉल आते हों. गलत जानकारी देने पर आपको रिफंड मिलने में मुश्किल हो सकती है. 

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