Bihar Budget 2024-25: बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में एनडीए सरकार ने साल 2024-25 के लिए बजट पेश किया. वित्त मंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने 278725.72 करोड़ रुपए का बजट पेश किया. इस बार का बजट पिछले साल के मुकाबले 16840.32 करोड़ रुपए अधिक है. सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ सामाजिक सुरक्षा को प्राथमिकता की बात कही.
बजट में शिक्षा विभाग को 52639 करोड़ और स्वास्थ्य विभाग को 14932 करोड़ रुपए दिए गए हैं. इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि साल 2023-24 में सूबे में2.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं. उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के साथ सामाजिक विकास में कई उपलब्धियां हासिल की गई. चलिए आपको बिहार के बजट की मुख्य बातें बताते हैं.
- सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार का विकास दर 10.4 फीसदी है, जो देश में सबसे ज्यादा है. सकल घरेलू उत्पाद डेढ़ गुना बढ़ा है.
- वित्त मंत्री ने कहा कि उच्च और प्राथमिक स्कूलों के लेवल पर ड्रॉप आउट में कमी आई है. साल 2015-16 से 2022-23 के बीच प्राथमिक शिक्षा में 25 फीसदी, उच्च शिक्षा में 39.4 फीसदी और माध्यमिक लेवल पर 40 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
- बजट में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए 700 करोड़ का आवंटन.
- सरकार ने सात निश्चय-1 और 2 पूरे राज्य में लागू होगा. सात निश्चय-2 के लिए बजट में 5 हजार 40 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
- बिहार आईटी पॉलिसी 2024 लागू होगी. यह पॉलिसी 5 साल तक लागू रहेगी.
- शिक्षा विभाग के लिए 52639.03 करोड़ और स्वास्थ्य विभाग के लिए 14932 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.
- सरकार ने SC/ST के शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए SC वर्ग के 66 स्कूल और ST वर्ग के 21 आवासीय स्कूलों को 12वीं तक करने का निर्णय लिया है. सभी आवासीय स्कूलों में सीटों की संख्या 400 से बढ़ाकर 720 किया जाएगा.
- बजट में खेल विभाग के लिए 183.20 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है. वित्त मंत्री ने बताया कि सूबे के खिलाड़ियों को नेशनल और इंटरनेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं के लायक बनाने के लिए खेल एवं संस्कृति विभाग से अलग खेल विभाग का गठन किया गया है.
- सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में 2.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है.
- वित्त मंत्री ने हर घर नल योजना की तारीफ की. उन्होंने कहा कि साल 2015 में 2 फीसदी इलाकों तक इसकी पहुंच थी. लेकिन अब ये 100 फीसदी हो गया है. इस योजना से प्रभावित होकर केंद्र सरकार ने साल 2019 में जल जीवन मिशन योजना की शुरुआत की. केंद्र सरकार के जल जीवन सर्वे ने देश के सर्वोपरि 5 जिलों में बिहार के 4 जिलों को शामिल किया है. इसमें समस्तीपुर, शेखपुरा, बांका, सुपौल शामिल हैं.
- बजट में कृषि विभाग के लिए 3600.92 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है. ग्रामीण सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बिहार ने चतुर्थ कृषि रोड मैप लागू किया. इसके तहत साल 2028 तक कृषि एवं समवर्ती क्षेत्रों में विकास के लिए करीब 1.28 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है.
- ग्रामीण विकास पर 14296.71 करोड़, समाज कल्याण पर 8238.57 और शहरी विकास पर 11298.72 करोड़ रुपए व्यय होगा.
- बजट में जल संसाधन के लिए 4398.52 करोड़, पथ निर्माण के लिए 5702.81 करोड़ और भवन निर्माण के लिए 5012.65 करोड़ रुपए आवंटित है.
- सम्राट चौधरी ने कहा कि इस बार बजट में वित्त विभाग को 2734.50 करोड़, राजस्व और भूमि सुधार के लिए 1871.48 करोड़ दिया गया है.
- बिहार के बजट में इस बार योजना विकास के लिए 2216.48, PHED के लिए 1848.22 करोड़ और उद्योग विभाग के लिए 1833.09 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.
- बजट में एससी एसटी कल्याण पर 1802.73 करोड़, पशु मत्स्य पर 1631.35 करोड़ और विधि विभाग पर 1315.13 करोड़ व्यय रखा गया है.
- पंचायती राज के लिए 11025.84, गृह विभाग के लिए 16323.83 करोड़, ऊर्जा विभाग के लिए 11422.68 करोड़ और आपदा प्रबंधन के लिए 5276.25 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.
- श्रम संसाधन के लिए 1226.42 करोड़, खाद्य उपभोक्ता के लिए 1250.20 करोड़, सहकारिता के लिए 1209.36 करोड़ और विज्ञान प्रद्योगिकी के लिए 1072.31 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.
- सामान्य प्रशासन पर 1032.82 करोड़, लघु जल संसाधन पर 1030.95 करोड़, मद्य निषेध और निबंधन पर 674.55 व्यय होगा.
- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 462.44 करोड़, ट्रांसपोर्ट के लिए 451.46 करोड़, कला संस्कृति के लिए 260 करोड़ और सूचना जनसंपर्क के लिए 254.24 करोड़ रुपए खर्च होगा.
- गन्ना उद्योग के लिए 123.80 करोड़, बीपीएससी के लिए 98.92 करोड़, संसदीय कार्य के लिए 9.87 करोड़ बजट रखा गया है.
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