देश में कई किसान परंपरागत खेती की जगह कुछ नया कर रहे हैं और अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं. मेघालय के नानादरो बी. मारक ऐसे ही एक किसान है, जो 5 हेक्टेयर जमीन पर काली मिर्च की खेती करते हैं. इस खेती से उनको लाखों की कमाई होती है. मारक जैविक विधि से काली मिर्च की खेती करते हैं. मारक को खेती के लिए पद्मश्री अवॉर्ड भी मिल चुका है.
5 हेक्टेयर पर काली मिर्च की खेती-
नानादरो बी. मारक का घर पश्चिम गारो हिल्स की पहाड़ियों में पड़ता है. 1980 के दशक में मारक को ससुराल से 5 हेक्टेयर जमीन मिली थी. उन्होंने सबसे पहले किरामुंडा काली मिर्च की किस्म लगाई. मारक ने शुरुआत में 10 हजार रुपए खर्च किए और 10 हजार पेड़ लगाए. धीरे-धीरे उन्होंने पेड़ों की संख्या बढ़ा दी. उन्होंने जैविक खेती करके एक मिसाल कायम की. मारक ने साल 2019 में 19 लाख रुपए की काली मिर्च का उत्पादन किया.
मिल चुका है पद्मश्री पुरस्कार-
आज दुनिया भर में काली मिर्च की खूब डिमांड है. मारक ने काली मिर्च की जैविक खेती करके एक मिसाल काम की है. मौजूदा समय में काली मिर्च करीब 600 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रही है.
केंद्र सरकार ने 72वें रिपब्लिक डे पर मारक को जैविक खेती के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया.
काली मिर्च की खेती का तरीका-
काली मिर्च की खेती के लिए उचित जलवायु बेहद जरूरी है. यह फसल ज्यादा सर्दी और ज्यादा गर्मी में नहीं होती है. भारत में केरल और महाराष्ट्र काली मिर्च के उत्पादन के लिए सबसे बेस्ट जगहें हैं. हालांकि इसके अलावा भी कई जगहों पर काली मिर्च की खेती होती है. मौसम में जितनी नमी होती है, काली मिर्च की बेल उतनी ही तेजी से ग्रोथ करती है. इसकी खेती के लिए सबसे बेस्ट तापमान 20 से 30 डिग्री के बीच होता है.
इस फसल के लिए भारी मिट्टी के साथ जलभराव वाली मिट्टी भी उपयुक्त होती है. मिट्टी का पीएच 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए. काली मिर्च की खेती के लिए 125 से 200 सेंटीमीटर तक बारिश की जरूरत होती है.
पौधों के बीच कितनी हो दूरी-
काली मिर्च के पौधे लगाने का सबसे सही समय मार्च और अप्रैल का महीना होता है. काली मिर्च के पौधों के बीच की दूरी 8-8 फीट की होनी चाहिए. इससे पौधों का विकास अच्छी तरह से होता है. काली मिर्च के पौधों को दूसरे पेड़ों पर चढ़ने के लिए सहारा दिया जाता है. 3 साल के बाद बेल को खाद देना चाहिए. काली मिर्च की कटाई पौधे लगने के 7-8 महीने के बाद की जाती है.
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