एक फरवरी को पेश होगा बजट 2022, जान लीजिये पहले से मौजूद टैक्स स्लैब नियम

बजट पेश होने का इंतजार देश के हर एक नागरिक को होता है. इस साल एक फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. लोगों को इस साल बजट से बहुत सी उम्मीदें हैं. खासकर कि इनकम टैक्स को लेकर लोगों में जिज्ञासा है. 

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  • नई दिल्ली ,
  • 17 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:14 PM IST
  • टैक्स भरने वालों की है तीन केटेगरी
  • सात इनकम टैक्स स्लैब सिस्टम हैं मौजूद

बजट पेश होने का इंतजार देश के हर एक नागरिक को होता है. इस साल एक फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. लोगों को इस साल बजट से बहुत सी उम्मीदें हैं. खासकर कि इनकम टैक्स को लेकर लोगों में जिज्ञासा है. 

हर कोई यही सोच रहा है कि अब बजट के बाद इनकम पर कितना टैक्स लगेगा. हालांकि पिछले साल कोरोना महामारी के कारण टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किए गए थे. फिलहाल के नियमों के मुताबिक पूरे देश में एक ही इनकम टैक्स स्लैब सिस्टम काम करता है. 

टैक्स भरने वालों की है तीन केटेगरी: 

देश में व्यक्तिगत रूप से टैक्स भरने वालों की तीन केटेगरी हैं. पहली 60 साल की उम्र से कम के लोगों की. दूसरी 60 साल और 80 साल के बीच के लोगों की. और फिर तीसरी केटेगरी में 80 साल की उम्र से ज्यादा के लोग आते हैं.

सात स्लैब सिस्टम हैं मौजूद:

पुराने नियमों के मुताबिक देश में सभी केटेगरी के लिए सिर्फ तीन टैक्स स्लैब थे/ लेकिन साल 2020 के नए नियमों के मुताबिक सात इनकम टैक्स स्लैब लाये गए. फिलहाल हमारे देश में सात स्लैब सिस्टम हैं, जिनके तहत इनकम टैक्स लिया जाता है.

  • 2.5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है.
  • 2.5 लाख से 5 लाख तक की सालाना इनकम पर 5 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है.  
  • 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये की सालाना इनकम पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है. 
  • 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये की सालाना इनकम पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. 
  • 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये की सालाना इनकम पर 20 फीसदी की दर से टैक्स चुकाना होता है. 
  • 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की सालाना इनकम पर 25 फीसदी.  
  • 15 लाख रुपये से अधिक की सालाना इनकम पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. 

इन नए नियमों के मुताबिक टैक्स स्लैब में दरें तो कम हैं, लेकिन इसमें सेक्शन 80C के तहत मिलने वाली और अन्य दूसरी कर छूटों को खत्म कर दिया गया है. 

 

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