साल 1947 से अब तक भारत में कुल 73 वार्षिक बजट, 14 अंतरिम बजट और चार विशेष बजट रहे हैं. भारत की आजादी के बाद से पेश किए गए बजट के बारे में कुछ दिलचस्प बातें आज हम आपको बता रहे हैं:
कौन बोला और कितनी देर बोला?
2020-21 का बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण 2 घंटे 42 मिनट तक बोलीं. उन्होंने जुलाई 2019 में अपना ही बनाया रिकॉर्ड तोड़ दिया, जब उन्होंने 2 घंटे 17 मिनट तक बात की. वहीं शब्दों की संख्या के हिसाब से डॉ. मनमोहन सिंह का भाषण अब तक का सबसे लंबा भाषण था. 1991 में डॉ. सिंह का एक भाषण था जो 18,650 शब्दों का था. दूसरी ओर, इतिहास का सबसे छोटा भाषण 1977 में हीरूभाई मुल्जीभाई पटेल ने प्रस्तुत किया था. उन्होंने केवल 800 शब्द बोले थे. पटेल मोरारजी देसाई की सरकार में वित्त मंत्री थे.
सभी के लिए बजट
वर्ष 1955 में तत्कालीन वित्त मंत्री सी.डी. देशमुख ने बजट दस्तावेज़ को भारत के सभी नागरिकों के लिए सुलभ और समावेशी बनाने की जरूरत को पहचाना. उन्होंने अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में बजट छपवाया.
बजट शब्द की उत्पत्ति
'बजट' शब्द की उत्पत्ति फ्रांसीसी शब्द 'बौगेट' से हुई है। इस शब्द का अर्थ है चमड़े की अटैची. और यही कारण है कि हमने बजट घोषणा के दिन भारत के सभी वित्त मंत्रियों को चमड़े के ब्रीफकेस में अपने दस्तावेज़ ले जाते हुए देखा. यह भारतीयों को अंग्रेजों से विरासत में मिला था. दिलचस्प बात यह है कि 2019 से बजट दस्तावेजों को ले जाने के लिए इस ब्रीफकेस को 'बही खाता' से बदल दिया गया है.
कुछ मीठा हो जाये!
परंपराओं के अनुसार, वित्त मंत्री वित्त मंत्रालय (नॉर्थ ब्लॉक) के बेसमेंट में 'हलवा' समारोह आयोजित करते हैं, जो विशेष रूप से बजट मुद्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया स्थान है. यह समारोह बजट तैयार करने में मदद करने वाले सदस्यों की कड़ी मेहनत का जश्न है. यह समारोह बजट पेश होने से 9-10 दिन पहले होता है.
“हम प्रबल होंगे। हम जीतेंगे"- डॉ. मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री और तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा प्रस्तुत 1991 का बजट सबसे महत्वपूर्ण बजटों में से एक था. बजट ने 'लाइसेंस राज' को समाप्त कर दिया और आर्थिक उदारीकरण के युग की शुरुआत की. इस कदम से पहले भारत की विकास दर 3.5% प्रति वर्ष तक सीमित थी. जुलाई, 1991 में अपने बजट भाषण में डॉ. सिंह ने कहा, “पूरी दुनिया को इसे ज़ोर से और स्पष्ट रूप से सुनने दें. भारत अब जाग चुका है. हम प्रबल होंगे. हम होंगे कामयाब."
किसने पेश किए कितने बजट
मोरारजी देसाई के नाम सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड है. उन्होंने कुल 10 बार बजट प्रस्तुत किया है. इस सूची में दूसरे नंबर पर पी चिदंबरम हैं, जिन्होंने 9 बार बजट पेश किया है. वर्तमान वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण, केवल दूसरी महिला हैं जिन्होंने वित्त मंत्रालय का नेतृत्व किया है. उनसे पहले सिर्फ इंदिरा गांधी ने ही बजट पेश किया था.
बजट का समय
भारत की आजादी के 54 साल बाद 2001 में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट पेश करने का समय शाम 5 बजे से बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया था. अंग्रेज ब्रिटेन में बैठे ब्रिटिश अधिकारियों को भारत में अपने अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने की सुविधा के लिए शाम 5 बजे बजट पेश करते थेय भारत यूके से 5 घंटे 30 मिनट आगे है, इसलिए भारत में शाम 5 बजे यूके के लिए सुबह 11:30 बजे का समय था. इसके अलावा, एक महत्वपूर्ण कदम में, 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रेलवे और केंद्रीय बजट को अलग-अलग पेश करने की परंपरा को बंद कर दिया.