Byju's Crisis: बायजूस का हाल बेहाल, फाउंडर Byju Raveendran की नेटवर्थ 17 हजार करोड़ से घटकर हो गई जीरो, पढ़िए अर्श से फर्श तक पहुंचने की कहानी

Byju's Crisis: बायजूस के फाउंडर बायजू रविंद्रन की नेटवर्थ एक साल में ही 17,545 करोड़ से घटकर जीरो हो चुकी है. वहीं कंपनी की वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर से घटकर 1 अरब डॉलर हो चुकी है. आखिर कैसे कंपनी ने तेजी से ग्रो किया और उससे ज्यादा तेजी से पतन की ओर पहुंच गई आइए समझते हैं.

Byju Raveendran ( Photo-Getty Images)
केतन कुंदन
  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 1:42 PM IST

फर्श से अर्श और अर्श से फर्श की तमाम कहानियां आपने सुनी होंगी, लेकिन बायजू रविंद्रन की कहानी अलग है. एक साल पहले तक 17 हजार करोड़ से ज्यादा के मालिक रविंद्रन, यूनिकॉर्न बन चुके बायजूस के फाउंडर रविंद्रन देखते ही देखते दुनिया भर की परेशानियों से घिर चुके हैं. उनकी नेटवर्थ जीरो आंकी गई है. फोर्ब्स की साल भर पहले की अरबपतियों की लिस्ट में रविंद्रन की नेटवर्थ 17,545 करोड़ बताई गई थी जो कि इस साल शून्य हो गई. आखिर बायजूस के मालिक रविंद्रन और उनकी कंपनी पतन तक कैसे पहुंची. चलिए जानते हैं.

2015 में बायजूस ऐप को किया लॉन्च

मूल रूप से केरल के कन्नूर जिले के रहने वाले बायजू रविंद्रन ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद यूके में नौकरी शुरू की. लेकिन साल 2005 में उन्होंने नौकरी छोड़ कर कोचिंग की शुरुआत की. धीरे-धीरे स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ने लगी. साल 2009 में बायजू ने CAT की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन लर्निंग प्रोग्राम शुरू किया. जहां छात्रों को वीडियो के जरिए कोचिंग दी जाती थी. 2 साल बाद 2011 में उन्होंने अपनी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ के साथ Think & Learn और साल 2015 में बायजूस द लर्निंग ऐप' लॉन्च किया. बताते चलें कि इस ऐप के जरिए बच्चों को वीडियो फॉर्मेट में एजुकेशन कंटेंट प्रोवाइड किया जाता है.

बायजूस ऐप ने बदली किस्मत

साल 2015 ये वही साल था जब मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो की शुरुआत करने की घोषणा की. और इसी साल बायजू ने बायजूस द लर्निंग ऐप' लॉन्च किया. स्मार्टफोन और इंटरनेट की बढ़ती लोकप्रियता ने बायजूस को नई दिशा दी और ऐप पर यूजर की संख्या बढ़ने लगी. कंपनी के साथ रंविद्रन भी आगे बढ़ते गए. सुपरस्टार शाहरुख खान को कंपनी ने 2017 में ब्रांड एंबेसडर बनाया. कंपनी तेजी से आगे बढ़ रही थी. देखते ही देखते बायजूस देश की पहली एडुटेक यूनिकॉर्न बन गई. ठीक 2 साल बाद बायजूस का नाम भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर चमकने लगा.  

कोरोना काल में हुई बंपर कमाई

कोरोना के समय स्कूल, कॉलेज बंद कर दिए गए और इसका सीधा फायदा बायजूस को हुआ. कंपनी ने जो ग्रोथ हासिल की वह किसी सपने के साकार होने जैसा था. साल 2021 में पेटीएम को पछाड़ते हुए बायजूस ने ऑफलाइन चलने वाली आकाश एजुकेशन सर्विसेस को 7300 करोड़ में ख़रीद लिया. कंपनी लोन लेकर और अपने मुनाफे से तेजी से एक्सपेंशन कर रही थी. छोटी छोटी कई कंपनियों को बायजूस ने खरीद लिया था. कोरोना काल में कंपनी ने जमकर कमाई की.  2019-20 में बायजूस ने 2511 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. लेकिन जैसे ही कोरोना काल खत्म हुआ बायजूस का घाटा बढ़ने लगा. यहीं से कंपनी के बुरे दिन शुरू हो गए.

22 अरब डॉलर से घटकर 1 अरब डॉलर हुई  वैल्यूएशन 

दिनों दिन कंपनी की कमाई घटती गई और देनदारी बढ़ती गई. कंपनी ने अपने ऑफिसों को बंद करना शुरू कर दिया. छंटनी शुरू हुई और देखते ही देखते हजारों कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया. कर्मचारियों को समय पर सैलरी तक देने के पैसे कंपनी के पास नहीं बचे. पिछले एक साल में ही कंपनी की वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर से 1 अरब डॉलर पर आ गई.
 

 

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