Industrial Smart City: UP-Bihar सहित इन राज्यों में बनेंगे 12 औद्योगिक स्मार्ट शहर, कैबिनेट ने दी 28602 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी, मिलेंगे ये फायदे

Modi Government: देश के 9 राज्यों में 12 औद्योगिक स्मार्ट शहर बनाए जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने इसकी मंजूरी दे दी है. औद्योगिक स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर और 30 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है.

PM Modi (File Photo: PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 10:34 PM IST
  • NIDCP के तहत बनाए जाएंगे औद्योगिक स्मार्ट शहर 
  • 1.52 लाख करोड़ रुपए की निवेश क्षमता होगी पैदा 

केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने 28 अगस्त 2024 को एक बड़ा फैसला लिया. इससे लाखों लोगों को फायदा होगा. जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने देश में 12 नए औद्योगिक स्मार्ट शहर (Industrial Smart City) बनाने के लिए मंजूरी दी है. 9 राज्यों में ये औद्योगिक स्मार्ट शहर बनाए जाएंगे. इस औद्योगिक स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर और 30 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है. 

इतनी है प्रोजेक्ट की लागत
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 28602 करोड़ रुपए होगी. इस प्रोजेक्ट से 1.52 लाख करोड़ रुपए की निवेश क्षमता पैदा होगी. ये औद्योगिक स्मार्ट सिटी नेशनल इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरिडोर प्रोग्राम (NIDCP) के तहत बनाए जाएंगे. मोदी सरकार का यह फैसला भारत के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने वाला साबित होगा. 

रोजगार के अवसर होंगे पैदा 
इन औद्योगिक क्षेत्रों के विकास से देश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे. देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. इससे भारत वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को भी मजबूत कर सकेगा. इससे न केवल आजीविका के अवसर उपलब्ध होंगे, बल्कि उन क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में भी योगदान मिलेगा जहां ये परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं.

इन राज्यों में बनेंगे ये औद्योगिक स्मार्ट शहर
1. आगरा और प्रयागराज (यूपी)
2. गया (बिहार)
3. जोधपुर और पाली  (राजस्थान)
4. खुरपिया (उत्तराखंड)
5. राजपुरा-पटियाला  (पंजाब)
6. दिघी (महाराष्ट्र)
7. पलक्कड़ (केरल)
8. जहीराबाद  (तेलंगना)
9. ओर्वाकल और कोप्पार्थी (आंध्र प्रदेश)

कितने एकड़ जमीन पर बनेगी इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी
यूपी के आगरा में 1058 एकड़ क्षेत्र में इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनेगी. प्रयागराज में 352 एकड़ में स्मार्ट सिटी बसाई जाएगी. बिहार के गया में 1,670 एकड़ में इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनाई जाएगी. उत्तराखंड के खुपरिया में 1002 एकड़ जमीन पर, पंजाब के राजपुरा-पटियाला में 1000 एकड़ क्षेत्र में इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनाई जाएगी. इन शहरों को ग्लोबल पैरामीटर्स के आधार पर विकसित किया जाएगा. ये शहर हाइटेक इंफ्रास्ट्रक्चर लैस होंगे. आपको मालूम हो कि इस तरह के 8 इंडस्ट्रियल शहरों पर पहले से ही काम जारी है. अब 12 नए इंडस्ट्रियल शहरों की स्थापना की घोषणा के साथ इस तरह के शहरों की कुल संख्या 20 हो जाएगी.

रेलवे के तीन इंफ्रा प्रोजेक्ट को भी हरी झंडी
पीएम मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 296 किलोमीटर लंबी रेलवे के तीन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को भी हरी झंडी दी है. इसमें जमशेदपुर-पुरूलिया-आसनसोल (थर्ड लाइन- 121 किलोमीटर), सुंदरगढ जिले के सरडेगा से रायगढ जिल के भालूमुडा तक के लिए 37 किमी लंबी नई डबल लाइन और बरगढ रोड से नवापारा (ओडिशा) तक के लिए 138 किमी लंबी नई लाइन शामिल है. इनकी अनुमानित लागत 6,456 करोड़ रुपए है. मोदी कैबिनेट की ओर से अप्रूव्‍ड तीन रेलवे प्रोजेक्‍ट से दूर-दराज के इलाके आपस में जुड़ सकेंगे. नई लाइन परियोजनाओं से लगभग 1,300 गांवों और लगभग 11 लाख लोगों को संपर्क सुविधा उपलब्ध होगी. 

पूर्वोत्तर राज्यों में जलविद्युत परियोजनाओं के लिए दिए इतने करोड़
मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों में जलविद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए 4,136 करोड़ रुपए की सहायता का ऐलान किया है. इसमें 62 गीगावाट जलविद्युत उत्पादन की क्षमता है. इस क्लीन एनर्जी इनीशिएटिव से क्लाइमेट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान मिलने और पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास लाने की उम्मीद है.

234 नए शहरों में निजी एफएम रेडियो शुरू करने को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निजी एफएम रेडियो चरण-3 नीति के तहत 234 नए शहरों में 730 चैनलों के लिए आरोही ई-नीलामी के तीसरे समूह के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके लिए अनुमानित आरक्षित मूल्य 784.87 करोड़ रुपए आंका गया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मंत्रिमंडल ने एफएम चैनलों के लिए वार्षिक लाइसेंस शुल्क (एएलएफ) जीएसटी को छोड़कर सकल राजस्व का चार फीसदी वसूलने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है. यह 234 नए शहरों/कस्बों पर लागू होगा. 

 

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