केंद्र ने बढ़ाई रबी फसलों की MSP, तिलहन और सरसों में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी

Cabinet Decision: केंद्र सरकार ने किसानों को दिवाली का तोहफा दिया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2022-23 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाने का फैसला लिया गया है. इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दी है.

किसानों को दिवाली का तोहफा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 7:06 PM IST
  • तिलहन और दलहन के उत्पादन में हुई है बढ़ोतरी  
  • कृषि को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे हैं कई काम 

केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने मंगलवार को 2022-23 के लिए रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित कर दिया है. इन फसलों में गेंहू, जौ, चना, मसूर, सफेद सरसों और सरसों, और कुसुंभ शामिल हैं. जहां गेंहू की एमएसपी में 110 रुपये की बढ़ोतरी की गई है, वहीं जौ में 100 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. इससे विपणन सीजन 2023-24 में गेहूं की खरीद 2,125 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी के हिसाब से होगी और जौ की खरीद 1735 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी के हिसाब से. 

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी जानकारी 

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि मंत्रिमंडल बैठक में 2023-24 के लिए 6 रबी फसलों की एमएसपी को मंजूरी दी गई है. इसमें गेहूं के लिए 110 रुपये, जौ में 100 रुपये, चना में 105 रुपये, मसूर में 500 रुपये, सरसों में 400 रुपये और कुसुंभ में 209 रुपये की वृद्धि की गई है. बता दें, सरकार ने रबी फसलों के विपणन सीजन 2023-24 के लिए एमएसपी में वृद्धि की है. इसकी मदद से उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सकेगा.       

तिलहन और दलहन के उत्पादन में हुई है बढ़ोतरी  

कृषि मंत्रालय के अनुसार, सफेद सरसों और सरसों के लिए अधिकतम रिटर्न की दर 104 प्रतिशत है, इसके बाद गेहूं के लिए 100 प्रतिशत, मसूर के लिए 85 प्रतिशत है, चने के लिए 66 प्रतिशत; जौ के लिए 60 प्रतिशत; और कुसुंभ के लिए 50 प्रतिशत है. पिछले कुछ साल में तिलहन और दलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है. तिलहन उत्पादन 2014-15 में 27.51 मिलियन टन से बढ़कर 2021-22 में 37.70 मिलियन टन. इतना ही नहीं बल्कि दलहन उत्पादन में भी इसी तरह की वृद्धि हुई है. दलहन के मामले में 2014-15 में जो उत्पादकता 728 किग्रा/हेक्टेयर थी वो बढ़कर 892 किग्रा/हेक्टेयर हो गई है. यानि इसमें 22.53 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

कृषि को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे हैं कई काम 

केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार देश में कृषि क्षेत्र में स्मार्ट खेती के तरीकों को अपनाने के लिए बढ़ावा दे रही है. इसके लिए सरकार एक डिजिटल कृषि मिशन शुरू कर रही है. इसमें कृषि का डिजिटल इकोसिस्टम किसान डेटाबेस, एकीकृत किसान सेवा इंटरफेस (यूएफएसआई), मिट्टी की उर्वरता और प्रोफाइल मैपिंग में सुधार करना जैसी योजनाएं शामिल हैं. इसके अलावा, ड्रोन टेक्नोलॉजी को भी कृषि में अपनाने के लिए काम किए जा रहे हैं. 

 

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