कोरोना की दो लहरों से जूझने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार

कोरोना की दो लहरों से जूझने के बाद भारतीय अर्थव्यव्था ने रफ्तार पकड़ ली है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अनुमान जताया है कि भारत की ग्रोथ रेट अगले साल तक दुनिया में सबसे तेज रहेगी.

भारतीय अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार (प्रतीकात्मक फोटो)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 20 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 2:07 PM IST
  • भारतीय अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी
  • कोविड-19 के साये से बाहर निकली अर्थव्यवस्था

कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यव्था को तबाह कर दिया. भारत समेत सभी देश धीरे-धीरे अपनी अर्थव्यव्था को पटरी पर लाने की जद्दोजहद में लगे हैं. बताया जा रहा है कि भारतीय अर्थव्यव्था कोरोना महामारी के संकट से  बाहर निकलते हुए रफ्तार पकड़ रही है. खरीफ की पैदावार के मजबूत प्रदर्शन, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के फिर से उभरने से कंज्यूमर डिमांड में सुधार हो रहा है.  इससे आपूर्ति की बाधाएं दूर हो रही हैं. लोगों को नौकरियां भी मिल रही हैं. 

भारतीय अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी

कोरोना की दो लहरों से जूझने के बाद भारत की इकोनॉमी में काफी सुधार दिखाई देने लगा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अनुमान जताया है कि भारत की ग्रोथ रेट अगले साल तक दुनिया में सबसे तेज रहेगी.  IMF ने भारत के लिए साल 2021 में 9.5% और 2022 में 8.5% की आर्थिक ग्रोथ का अनुमान जताया है. इसके बाद साफ है कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना की चपेट से बाहर निकल रही है. 

भारतीय अर्थव्यवस्था अगले साल तक दुनिया में सबसे तेज रहेगी

वहीं फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने  वित्त वर्ष 2021-22 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई है. फिक्की के बयान के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब आर्थिक सुधार देखने को मिल रहा है.

वैश्विक जोखिमों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी आई है

बता दें, आरबीआई के सर्वेक्षण में यह भी संकेत मिल रहा है कि सरकारी खर्च, मजबूत ऑर्डर बुक और कार्यान्वयन की रफ्तार में सुधार से इन्फ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं से जुड़े सेक्टरों में डिमांड की स्थिति मजबूत हो रही है.  गिरावट हॉस्पिटैलिटी और एविएशन, पॉवर, और टेक्सटाइल जैसे कुछ ही क्षेत्रों तक सीमित है.  रिपोर्ट में जोखिम के तौर पर वैश्विक अनिश्चितताओं, वैश्विक मंहगाई में बढ़ोतरी और संक्रमण में अचानक वृद्धि का जिक्र किया गया है. 
 

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