क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से शॉपिंग करना लोगों की आदत में शुमार होता जा रहा है. क्रेडिट कार्ड रखने वालों को हर महीने दो तारीखों का हमेशा ध्यान रखना होता है. पहली- बिल जनरेट होने की डेट और दूसरी- बिल की ड्यू डेट (Due Date). एक्स्ट्रा चार्ज लगने से बचने के लिए आपको फिक्स डेट से पहले बिल पे करना पड़ता है. कई बार बिल पे करने के लिए आपको उधार लेना पड़ता है. लेकिन अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा. आप अपने हिसाब से बिलिंग साइकिल (Billing Cycle) में बदलाव कर सकते हैं और ड्यू डेट भी अपनी सुविधा के हिसाब से चुन सकते हैं.
RBI ने बदले नियम
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रेडिट कार्ड जारी करने के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. RBI ने क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंकों से ग्राहकों को अपने क्रेडिट कार्ड बिलिंग साइकिल में एक बार बदलाव का विकल्प देने को कहा है. कार्ड की बिलिंग साइकिल क्रेडिट कार्ड के इश्यू करने के वक्त ही फिक्स कर दी जाती है लेकिन अब आप अपनी मर्जी के हिसाब से डेट चुन सकते हैं.
बिल पेमेंट के लिए कौन सी डेट चुनें
देरी या डिफॉल्ट से बचने के लिए आपके क्रेडिट कार्ड की ड्यू डेट उस पीरियड में होना चाहिए जब आपके पास पेमेंट के लिए पर्याप्त पैसे हों. यानी कि आपको ड्यू डेट आपकी सैलरी आने के दो या तीन दिन बाद की रखनी चाहिए. बिल पेमेंट के लिए महीने के आखिर के आसपास की कोई डेट न चुनें. बता दें, क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान करने की अंतिम तारीख को क्रेडिट कार्ड ड्यू डेट कहा जाता है.
अगर आप खुद का बिजनेस करते हैं, तो आप अपनी इनकम और खर्चों को जांच परख कर अपने हिसाब से डेट चुन सकते हैं. अब जब आपको अपना क्रेडिट बिलिंग साइकिल चुनने की आजादी मिल गई है, तो वो डेट चुनें जो आपके लिए सबसे बेहतर हो.
क्रेडिट कार्ड का बिलिंग साइकिल और ड्यू डेट कैसे बदलें?
क्रेडिट कार्ड बिल साइकिल और ड्यू डेट बदलने के लिए हर बैंक का अपना Procedure है. आप अपने ऑनलाइन बैंकिंग प्लेटफॉर्म पर जाकर खुद इसमें बदलाव कर सकते हैं. अपने बिलिंग साइकिल को बदलने का तरीका जानने के लिए आप अपने बैंक के कस्टमर केयर को भी कॉल कर सकते हैं.