Financial Year 2022-23: टैक्सपेयर हैं तो जुलाई में ये काम निपटा लें, नहीं तो लग सकती है पेनाल्टी

Financial Year 2022-23: फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए आईटीआर दाखिल करने की आखिरी डेट 31 जुलाई, 2023 है. हालांकि, आयकरदाताओं को हमेशा आखिरी तारीख से पहले इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की सलाह दी जाती है. अगर आप 31 जुलाई तक आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं तो पेनाल्टी के साथ इसे 31 दिसंबर तक दाखिल किया जा सकता है.

Financial Year 2022-23
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST

भारत में इनकम टैक्सपेयर्स के लिए जुलाई का महीना बेहद जरूरी होता है. इस महीने टैक्स से संबंधित कई चीजें एक साथ आती हैं, जिसे समय पर निपटाना जरूरी है. करदाताओं को सबसे ज्‍यादा चिंता आईटीआर (ITR) भरने की है, लेकिन उससे पहले भी टैक्‍स से जुड़ी कई और डेडलाइन का पूरा करना जरूरी है. Higher Pension Scheme से लेकर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख तक. जुलाई के महीने में याद रखने वाली कुछ Important Dates. 

वित्तीय वर्ष 2022-23 की कुछ महत्वपूर्ण तारीख

आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की लास्ट डेट
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए आईटीआर दाखिल करने की आखिरी डेट 31 जुलाई, 2023 है. हालांकि, आयकरदाताओं को हमेशा आखिरी तारीख से पहले इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की सलाह दी जाती है. अगर आप 31 जुलाई तक आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं तो पेनाल्टी के साथ इसे 31 दिसंबर तक दाखिल किया जा सकता है. केवल आपका आईटीआर दाखिल करना ही जरूरी नहीं है, बल्कि इसे वैरिफाई करना भी जरूरी होता है, क्योंकि वैरिफिकेशन के बिना फाइलिंग जीरो मानी जाती है.

टीडीएस सर्टिफिकेट की डेट
महीने की प्रत्येक 15 तारीख को टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करने की डेडलाइन होती है. आयकर रिटर्न दाखिल करते समय टैक्स छूट का लाभ लेने के लिए टीडीएस सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है.

टैक्स डिपॉजिट करने की तारीख
महीने की प्रत्येक 7 तारीख एक और जरूरी डेट है क्योंकि ये पिछले महीने काटे गए टैक्स को जमा करने की कटऑफ है. जून में काटे और जुटाए टीसीएस और टीडीएस को जमा करने की अंतिम तिथि 7 जुलाई, 2023 है. यह टीडीएस कर्मचारियों की कमाई पर काटा जाता है, जिसे नियोक्‍ता हर महीने की 7 तारीख तक आयकर विभाग के पास जमा कराता है. डेडलाइन चूकने पर लेट फीस और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

ज्यादा पेंशन भरने की आखिरी तारीख
ज्यादा पेंशन का विकल्प चुनने के लिए आवेदन देने की आखिरी तारीख 11 जुलाई है. कर्मचारी और कंपनी दोनों कर्मचारी के मूल वेतन, महंगाई भत्ते और रिटेनिंग भत्ते, का 12 प्रतिशत ईपीएफ में योगदान करते हैं. कर्मचारी का पूरा योगदान ईपीएफ में जाता है, जबकि कंपनी 12 प्रतिशत योगदान ईपीएफ में 3.67 प्रतिशत और ईपीएस में 8.33 प्रतिशत में जाता है. भारत सरकार एक कर्मचारी की पेंशन में 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है, जबकि कर्मचारी पेंशन योजना में योगदान नहीं करते हैं.

 

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