आज के जमाने में तकनीक इतनी आगे बढ़ गई है कि इंसान ने मानो दुनिया को मुट्ठी में कर लिया हो. लेकिन वहीं, दूसरी तरफ इस आधुनिकता की कीमत हमने अपनी लाइफस्टाइल, खान-पान के शुद्ध तरीकों और स्वास्थ्य से चुकाई है. जी हां, आज के जमाने में शुद्ध दूध तक मिलना मुश्किल है. एक जमाना था जब हर घर में गाय-भैंस बाल्टियां भर-भर के दूध देती थीं और दही, मक्खन, छाछ व घी जैसे उत्पास घर में बनते थे.
लेकिन अब ज्यादातर लोग इस सब चीजों के लिए बाजार पर निर्भर हैं. और बाजार में क्या, कैसे और कहां से आता है, इसकी स्पष्ट जानकारी ग्राहक को कभी नहीं होती है. लगभग सब चीजें आज हम पैकेज्ड खरीदते हैं, यहां तक कि दूध भी. पर चिंता का विषय यह है कि इस दूध में बहुत ज्यादा मिलावट की जाती है. जिस कारण बहुत सी बिमारियां बढ़ रही हैं. और इन्हीं सब समस्याओं को देखकर अब कई लोगों ने शुरुआत की है डेयरी फार्मिंग की और वे शहरों में शुद्ध और पोषक दूध पहुंचा रहे हैं.
आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे ही डेयरी फार्म के बारे में, जहां एकदम ताजा और शुद्ध गाय का दूध, घी, लस्सी जैसे प्रोडक्ट्स लोगों के घरों तक पहुंचाए जा रहे हैं. यह कहानी है दिल्ली स्थित Whyte Farms की.
कैसे हुई शुरुआत
आपको बता दें कि दिल्ली के रहने वाले संजीव यादव और कनिका यादव ने इस Whyte Farms की शुरुआत की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनिका का कहना है कि वह 28 साल की उम्र तक घर में गाय का शुद्ध दूध पीकर बड़ी हुईं. उनके घर में पशुपालन होता था. हालांकि, कनिका के परिवार ने 2014 में पशुपालन बंद कर दिया. इसके बाद, कनिका ने बहुत कोशिश की कि उन्हें सही क्वालिटी और टेस्ट का दूध मिले लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद, दिल्ली में दूध की गुणवत्ता खराब है. पैक किया हुआ दूध ताजा नहीं होता है और लंबी सप्लाई चेन के माध्यम से आता है. वहीं, स्थानीय दूधवालों के साथ समस्या है कि हमें नहीं पता वे पशुओं को क्या खिलाते हैं और कैसी स्वच्छता रखते हैं. उन्होंने टेट्रा पैक भी लेने की कोशिश की लेकिन उन्हें अपने घर जैसा दूध कहीं नहीं मिला. और तब उन्होंने खुद इस क्षेत्र में कम करने की सोची. उन्होंने संजीव यादव के साथ मिलकर 2015 में Whyte Farms शुरू किया, जो उनके पति हैं.
गायों को खिलाते हैं खास तरह का चारा
कनिका और संजीव ने राजस्थान के अलवर में तिजारा में 25 एकड़ जमीन पर अपना डेयरी फआर्म शुरू किया. आज उनके पास 350 गाय हैं जिनके खाने-पीने से लेकर रहने तक की व्यवस्था बहुत अच्छे से की गई है. क्योंकि फाउंडर्स का मानना है कि जब तक पशुओं को आरामदायक जगह और कही चारा नहीं मिलेगा तब तक आप कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि उनका दूध पोषण से भरा होगा. इसलिए Whyte Farms में मवेशियों को सामान्य नहीं बल्कि एक खास तरह का चारा दिया जाता है.
उनकी एक इंस्टाग्राम पोस्ट के मुताबिक, अपनी गायों को ऐसा चारा देना जरूरी है जो पौष्टिक रूप से उन्हें स्वस्थ और खुश रखे. इसके परिणामस्वरूप दूध अच्छे पोषक तत्वों से भरा होगा. उनके चारे में हरा चारा (पौधों से मिला चारा जैसे घास, पत्ते आदि), बादाम के छिलके (हार्वेस्टिंग प्रोसेस में बचने वाला बादाम का बाय-प्रोडक्ट), सिट्रस पल्प (संतरे आदि का सूखा हुआ पल्प), बिनौला शामिल होता है. इससे मवेशियों को सही पोषण मिलता है और वही पोषण दूध के जरिए हमारे शरीर तक पहुंचता है.
लोगों तक पहुंचा रही हैं शुद्ध दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स
Whyte Farms चिलिंग, पाश्चराइजिंग और पैकेजिंग से लेकर सभी प्रक्रियाओं के साथ दूध के मामले में एक बेहतर विकल्प होने का दावा करता है. यहां कांच की बोतलों में पैक किया गया दूध, गायों को दूध देने के 8 से 12 घंटे के भीतर 3,000 से अधिक घरों में पहुंचाया जाता है. दरअसल, पैकेट के दूध में काफी प्रिज़र्वेटिव होते हैं इस कारण यह खराब नहीं होता लेकिन Whyte Farms के दूध में ऐसा कुछ नहीं होता है इसलिए इसे ताजा ही ग्राहकों तक पहुंचाते हैं.
वर्तमान में, अपने इस फार्म से वे लाखों की कमाई कर रहे हैं. अब उनके यहां सर्टिफाइड A2 मिल्क के साथ-साथ गाय का दूध, ताजा छाछ, बटर, पनीर और घी ब्रिकी के लिए उपलब्ध है.