Delhi: राजधानी में प्राइवेट बाइक के कमर्शियल इस्तेमाल पर रोक, नहीं माने तो लाइसेंस होगा जब्त, जानें और क्या-क्या हो सकती है कार्रवाई

दिल्ली में प्राइवेट बाइक के कमर्शियल इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. पाबंदी के बाद भी बाइक चलाने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. जेल भी हो सकती है. ऐसी सुविधा उपलब्ध कराने वाली कंपनी पर भी कार्रवाई की जाएगी.

दिल्ली में भी प्राइवेट बाइक के कमर्शियल इस्तेमाल पर रोक (फाइल फोटो)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST
  • परिवहन विभाग ने बाइक के कमर्शियल इस्तेमाल को लेकर पब्लिक नोटिस किया जारी 
  • बुकिंग्स जारी रखने वाले एग्रीगेटर्स पर भी होगी कार्रवाई

महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली में भी प्राइवेट बाइक के कमर्शियल इस्तेमाल पर पांबदी लगा दी गई है. दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने इसके लिए पब्लिक नोटिस जारी किया है. पाबंदी के बाद भी बाइक चलाने वालों के चालान काटे जाएंगे.गाड़ी भी जब्त की जा सकती है.

सर्विस प्रदान करने वालों को भी दी गई चेतावनी
इस सर्विस से जुड़े तमाम एग्रीगेटर्स को भी चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने अपने प्लेटफॉर्म (मोबाइल ऐप/वेबसाइट) पर बुकिंग्स जारी रखी तो उनके खिलाफ भी मोटर वीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसमें एक लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है. विभाग जल्द ही ऐसे एग्रीगेटर्स को कारण बताओ नोटिस भेजने की भी तैयारी कर रहा है. परिवहन विभाग ने निजी बाइक टैक्सियों को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 का उल्लंघन बताया है. दिल्ली में बाइक टैक्सी पर रोक लगाने के पीछे मुख्य रूप से लोगों की सुरक्षा और नियमों के पालन को सुनिश्चित करने का हवाला दिया जा रहा है. दिल्ली के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आशीष कुंद्रा का कहना है कि टैक्सी सेवाओं के लिए जो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क है, उसमें ड्राइवरों के लिए कई तरह के दायित्वों का पालन करना अनिवार्य है.

नोटिस में क्या कहा गया
1. जो टू वीलर्स ट्रांसपोर्ट वीकल के रूप में रजिस्टर्ड नहीं हैं, उनका कमर्शल इस्तेमाल नियमों के खिलाफ है.
2. पहले उल्लंघन पर पांच हजार जुर्माना, दूसरी बार पकड़ाए तो 10 हजार जुर्माना देना पड़ेगा.
3. एक साल जेल और गाड़ी जब्त करने का भी प्रावधान है.
4. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, ड्राइविंग लाइसेंस तीन महीने के लिए सस्पेंड हो सकता है.

राहत देने से कर दिया था इंकार
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बाइक टैक्सी एग्रीगेटर रैपिडो को महाराष्ट्र सरकार द्वारा लाइसेंस देने से इनकार करने के खिलाफ राहत देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने माना था कि 2019 में मोटर वाहन अधिनियम में किए गए संशोधनों ने यह साफ कर  दिया था कि एग्रीगेटर वैध लाइसेंस के बिना काम नहीं कर सकते.  मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया था. पीठ ने कहा था कि रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (रैपिडो) राज्य सरकार की 19 जनवरी की उस अधिसूचना को चुनौती दे सकती है, जिसमें कार पूलिंग से 'गैर-परिवहन वाहन' के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी.  इसमें कहा गया है कि आरटीओ के दिसंबर के आदेश की वैधता राज्य सरकार के बाद के व्यापक फैसले से समाहित हो जाएगी. 

बड़े शहरों में धड़ल्ले से चल रही बाइक टैक्सी
दिल्ली, मुंबई समेत देश के कई अन्य बड़े शहरों में बाइक टैक्सी का इस्तेमाल पिछले कुछ सालों में काफी लोकप्रिय हुआ है, लेकिन ज्यादातर जगहों पर इसके लिए सफेद नंबर प्लेट वाली प्राइवेट बाइक या स्कूटर का ही टैक्सी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था. इस पर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने भी आपत्ति जताई थी. राज्यों को इस पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आशीष कुंद्रा का कहना है कि मोटर वीकल एक्ट के तहत प्राइवेट वीकल को टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है.

 

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