Exclusive: नए भारत की नई दुकान है OhLocal, ग्राहकों को जोड़ा लोकल वेंडर्स से, जानें कैसे आत्मनिर्भर भारत बना रहा है यह सिविल इंजीनियर

OhLocal Success Story: गुरुग्राम स्थित स्टार्टअप, ओहलोकल स्थानीय विक्रेताओं और ग्राहकों के बीच ब्रिज का काम कर रहा है. यह स्टार्टअप ग्राहकों को लोकल वेंडर्स से जोड़ रहा है.

OhLocal Founder Devashish Goyal (Photo: Twitter)
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 13 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST
  • AI-इनेबल्ड बिडिंग प्लेटफॉर्म है OhLocal
  • 800 से ज्यादा लोकल वेंडर्स जुड़े 

मार्केट में ई-कॉमर्स का बोलबाला होने से कहीं न कहीं लोकल विक्रेताओं के बिजनेस पर गहरा प्रभाव पड़ा है. खासकर कि कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के बाद स्थानीय विक्रेता और लोकल व्यवसायी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. आजकल लोग नौकरी में व्यस्त हैं और ज्यादातर सामान की होम डिलीवरी चाहते हैं और इसलिए लोकल मार्केट की बजाय अमेजन और फ्लिपकार्ट से शॉपिंग करते हैं. 

हालांकि, इस आसानी के चक्कर में हम ये भूल रहे हैं कि लोकल मार्केट में आपको सामान ज्यादा अच्छा और किफायती कीमत पर मिल सकता है. लेकिन लोगों को लगता है कि मार्केट में घूमने की बजाय वे दो-चार सौ रुपए एक्स्ट्रा दे दें तो क्या बुरा है. पर आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे प्लेटफॉर्म के बारे में जहां आप अपने लोकल मार्केट से सामान खरीद सकते हैं वह भी घर बैठे. 

नए भारत की नई दुकान- OhLocal
जी हां, OhLocal एक ऐसा AI-इनेबल्ड बिडिंग प्लेटफॉर्म है जो रियल टाइम में ग्राहकों को स्थानीय विक्रेताओं से जोड़ता है. यह एक Online to Offline मार्केटप्लेस है जहां आप अपनी जरूरत का लगभग सब सामान देख-परख और खरीद सकते हैं. सबसे अच्छी बात है कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए लोकल व्यवसायी को अपने प्रॉडक्ट्स ग्राहकों को डिस्पले करने और बेचने का मौका मिलता है. वहीं, ग्राहक एक ही प्रॉडक्ट को अलग-अलग विक्रेताओं से तुलना करके खरीद सकता है. 

अब सवाल है कि इस प्लेटफॉर्म को किसने शुरू किया. आपको बता दें कि गुरुग्राम स्थित इस प्लेटफॉर्म को शुरू किया है देवाशीष गोयल ने. मूल रूप से मेरठ के रहने वाले देवाशीष का विजन पीएम मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' को प्रमोट करते हुए लोकल विक्रेताओं और ग्राहकों, दोनों के बीच की खाई को पाटना है. जैसे पहले लोग किसी भी चीज के बेस्ट प्राइस के लिए बाजार की कई दुकानें छानते थे, अब वे घर बैठे ओहलोकल के जरिए यह काम कर सकते हैं. 

कैसे हुई शुरुआत 
बात अगर इस आइडिया और बिजनेस के शुरुआत की करें तो देवाशीष ने GNT Digital को बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान गर्मी के मौसम में उन्हें अपने घर पर एसी लगवाना था. उन्होंने भी बाकी सब की तरह ऑनलाइन एसी चेक किया. लेकिन एसी की डिलीवरी का समय बहुत लंबा था और उनका परिवार इतना इंतजार नहीं कर सकता था. तब उनके पिता ने उन्हें लोकल मार्केट में किसी से बात करने की सलाह दी. 

देवाशीष का कहना है कि जब उन्होंने लोकल मार्केट में बात की तो उन्हें एसी का लेटेस्ट मॉडल ऑनलाइन से काफी किफायती दाम में मिल गया. साथ ही, स्थानीय विक्रेता ने उन्हें तुरंत इंस्टॉलेशन की सर्विस दी. इसके बाद उन्हें लगा कि लोकल मार्केट में ऑनलाइन से ज्यादा पोटेंशियल है तो फिर लोग ऑनलाइन के पीछे क्यों भाग रहे हैं? उन्होंने इस बारे में थोड़ी रिसर्च की तो समझ आया कि लोग एक जगह बैठकर सभी सर्विस चाहते हैं जो उन्हें बड़े ई-कॉमर्स प्लेयर देते हैं. और देवाशीष ने इस पर काम करने की ठानी. 

साल 2021 में उन्होंने OhLocal की शुरुआत की जिसके जरिए लोकल विक्रेता अपेन बिजनेस को प्रमोट कर सकते हैं और ग्राहक अपने हिसाब से खरीददारी कर सकते हैं. आपको बता दें कि सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक करने वाले देवाशीष अपना स्टार्टअप शुरू करने से पहले पांच साल से ज्यादा समय तक बिजनेस डेवलपमेंट के क्षेत्र में अलग-अलग कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं. 

800 से ज्यादा लोकल वेंडर्स जुड़े 
OhLocal फिलहाल गुरुग्राम और मेरठ समेत पांच शहरों में ऑपरेशनल है. देवाशीष गोयल का कहना है कि इस शहरों से 800 से ज्यादा लोकल वेंडर्स उनसे जुड़े हैं. और इन सभी वेंडर्स को अब तक ओहलोकल के माध्यम से लगभग साढ़े पांच करोड़ रुपए का बिजनेस मिल चुका है. इसके साथ ही, ओहलोकल ने अब तक 17 हजार से ज्यादा ग्राहकों को मदद की है. 
 
देवाशीष कहते हैं कि ओहलोकल में, एक स्थानीय विक्रेता की छोटी-बड़ी परेशानियों जैसे अपनी इन्वेंट्री को मैनेज करना, उत्पाद की कीमतों को अपडेट करना, विज्ञापन चलाना और एनालिटिक्स देखना आदि को समझा जाता है. इन मुद्दों के समाधान के रूप में, देवाशीष और उनकी टीम ने एक मजबूत मर्चेंट प्लेटफॉर्म बनाया है जो उन्हें रियल टाइम में आसानी से अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों की डिस्पले करने में सक्षम बनाता है. साथ ही, ओहलोकल इकोसिस्टम पर विज्ञापन चलाने के लिए लोकल वेंडर्स को एक DIY टूल दिया जाता है. 

ओहलोकल के साथ ऑनबोर्ड होना बहुत ही आसान है:
1. सबसे पहले iOS और एंड्रॉइड, दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध OhLocal एप्लिकेशन डाउनलोड करें.
2. अब ऑनबोर्डिंग फॉर्म भरें जिसमें मालिक का नाम, व्हाट्सएप नंबर, ईमेल पता और जीएसटी नंबर इत्यादि जैसे सामान्य विवरण हैं, जिन्हें वे बैकएंड से सत्यापित करते हैं.
3. इसके बाद, प्लेटफॉर्म पर उत्पाद सूची को मैप करें. 

एक बार ये स्टेप पूरे हो जाने के बाद, ओहलोकल की टीम सभी जानकारी को सत्यापित करने के लिए एक ई-केवाईसी करती है, और उसके बाद, व्यापारी को उसके द्वारा मैप किए गए उत्पादों के लिए बिजनेस मिलना शुरू हो जाता है. 

क्या है आगे का प्लान 
अपने आगे के प्लान पर बात करते हुए देवाशीष कहते हैं कि OhLocal का उद्देश्य साल 2023 के अंत तक 10 लाख से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचना है. साथ ही, वह अपने बिजनेस को और 20 शहरों तक पहुंचाना चाहते हैं जिनमें टियर 1 और टियर 2 शहर भी शामिल हैं. ओहलोकल जल्द ही लखनऊ, कानपुर, आगरा, ग्वालियर, जयपुर, उदयपुर और आसपास के शहरों में फैलने वाला है. 

साल 2023 के अंत तक उनका लक्ष्य 10,000 लोकल वेंडर्स के साथ पार्टनरशिप करना है. अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के साथ-साथ देवाशीष सरकार के 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसे अभियानों को भी सपोर्ट कर रहे हैं. 

 

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