आम जनता के लिए बड़ी खबर है. बाजार में गेहूं की कोई कमी नहीं हो, इसके लिए मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार ने तय किया है कि एफसीआई खुले बाजार में 20 लाख टन और गेहूं बेचेगी. इस गेहूं को आटा मिलों, व्यापारियों, थोक खरीदारों, गेहूं से बने उत्पादों के निर्माताओं को ई-नीलामी के जरिए बेचा जाएगा. इससे गेहूं, आटा और मैदा के दाम जल्द घटने जाएगा. आम जनता को घर-परिवार चलाने में राहत मिलेगी.
महंगाई पर लगेगा लगाम
कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन मिनिस्ट्री ने गेंहू बेचने को लेकर 21 फरवरी 2023 को जानकारी दी है. इससे गेहूं के दाम घटेंगे. आटा और गेहूं से बनने वाले अन्य प्रोडक्ट की कीमतों में कमी लाने में मदद मिलेगी. इससे पहले 25 जनवरी 2023 को मिनिस्ट्री 30 लाख टन गेहूं बाजार में बेचने का फैसला किया था. केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने महंगाई को घटना के लिए सरकारी गेहूं की रिजर्व प्राइस पहले ही घटा दी है. घटी हुई कीमत 31 मार्च 2023 तक लागू रहेगी. इस कटौती के फेयर एवरेज क्वालिटी के गेहूं की कीमत 2150 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है. यह कीमत पूरे देश के लिए है.
2800 से 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था दाम
सरकार ने तब खुले बाजार में गेहूं की बिक्री का फैसला लिया था, जबकि गेहूं और आटे का दाम आसमान में चला गया था. जनवरी के दूसरे और तीसरे सप्ताह के दौरान गेहूं की कीमत 2800 से 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था. खुला बिकने वाला आटा 35 रुपए किलो तक मिल रहा था. इसके बाद सरकार ने 30 लाख टन गेहूं बाजार में उतारने का फैसला किया. अब तो 20 हजार टन अतिरिक्त गेहूं उतारने का फैसला हो गया है. इसका असर दिख रहा है. इस समय बाजार में गेहूं के थोक दाम में 700 से 800 रुपए प्रति किलो की कमी हो गई है.
ऐसे खरीद सकते हैं गेहूं
सरकार जो एफसीआई का गेहूं बेच रही है, उसे आमलोग सीधे नहीं खरीद सकते हैं. इस गेहूं के लिए प्राइवेट मिलर्स और कारोबारी बोली लगाएंगें. राज्य सरकार भी चाहे तो वह भी इसी कीमत पर गेहूं खरीद सकती है. राज्यों को छूट होगी कि वह रिजर्व प्राइस पर ही गेहूं की खरीद करें. उन्हें बोली प्रक्रिया में भाग नहीं लेना होगा.