उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण करते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. पहली बार केंद्र सरकार ने ग्राहकों को सीधा सामान बेचने वाली कंपनियों के लिए नियम अधिसूचित किए हैं. साथ ही, सरकार ने इन कंपनियों द्वारा चलाई जा रही पिरामिड और धन प्रसार स्कीमों पर रोक लगा दी है.
इन कंपनियों को 90 दिनों के भीतर इन नए नियमों का अनुपालन करना होगा. यह शायद पहली बार है जब इस तरह की कंपनियों के लिए नियम बनाए गए हैं और इनका सख्ती से पालन करने के निर्देश भी दिया गया है. इन कंपनियों में ओरिफ्लेम, टपर वेयर, और एमवे जैसी कंपनियां शामिल होती हैं.
क्या होती है पिरामिड स्कीम:
अब सवाल है कि आखिर पिरामिड स्कीम है क्या? जिस पर सरकार ने रोक लगाई है. दरअसल यह डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों का ऐसा व्यापार मॉडल है जिसमें लोगों को सीधा सामान बेचने की बजाय इस भरोसे पर शामिल किया जाता है कि अगर वे और लोगों को कंपनी से जोड़ेंगे तो उन्हें पैसे दिए जायेंगे.
लेकिन मंगलवार को जारी की गई एक अधिसूचना में सरकार ने निर्देश दिया है कि जो कंपनियां अपने ग्राहकों को सीधा विक्रेताओं द्वारा सामान बेचेंगी सिर्फ उन्हें ही डायरेक्ट-सेलिंग कंपनियों में शामिल किया जायेगा. और ये कंपनियां अपने द्वारा बेचे गए सामान के प्रति आने वाली ग्राहकों की शिकायतों और परेशानियों के लिए जवाबदेह होंगी.
संगठन ने फैसले का किया स्वागत:
पहली बार इन कंपनियों के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत नियम बनाये गए हैं. इन नियमों का पालन न करने पर दंड भी भुगतना पड़ सकता है.
इन कंपनियों के संगठन ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है. संगठन का कहना है कि इससे कंपनियों को वैधता मिलेगी और अधिक स्पष्टता रहेगी. इस कदम से करीब 70 लाख लोगों को रोजगार देने वाले इस क्षेत्र को ताकत मिलेगी.