देशभर में इस समय दिवाली की धूम है. त्योहार के इस मौसम में लोग अपने करीबियों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का लेन-देन कर रहे हैं. लेकिन बहुत कम लोगों को ये पता है कि सभी तरह के उपहारों को आयकर से छूट नहीं मिलती है. इसलिए इस दिवाली अगर आप किसी को गिफ्ट दे रहे हैं या ले रहे हैं तो आपको इस संबंध में आयकर के नियम जान लेने चाहिए. सिर्फ दिवाली ही नहीं, ये नियम किसी भी गिफ्ट के लेन देन पर लागू होते हैं.
रिश्तेदारों से मिला गिफ्ट: किसी व्यक्ति को अपने रिश्तेदार से मिला कोई भी गिफ्ट पूरी तरह से टैक्स फ्री है. आयकर कानून के मुताबिक परिवार के करीबी (पति/पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन, बच्चे), ससुराल, दादा-दादी, पोते-पोतियों के अलावा चाचा-चाची के रिश्तेदार टैक्स फ्री गिफ्ट दे सकते हैं. हालांकि चचेरे भाई या भाई-बहन के बच्चों से मिला कोई गिफ्ट अगर 50 हजार रुपए से ज्यादा का है तो इस स्थिति में टैक्स लगेगा. यानि अगर गिफ्ट कि कीमत 50 हजार रुपए से ज्यादा की है तो उस पर टैक्स लगेगा.
इम्प्लॉयर या कंपनी से मिला गिफ्ट: त्योहारी सीजन में कई इम्प्लॉयर/कंपनियां अपने कर्मचारियों को बोनस के अलावा तोहफे भी देती हैं. किसी कर्मचारी को अपने इम्प्लॉयर से मिला कोई गिफ्ट तब तक टैक्स फ्री है जब तक उस गिफ्ट कि कुल कीमत 5000 रुपए की सीमा के अंदर है. इससे ज्यादा होने पर टैक्स लगेगा.
शादी पर मिले गिफ्ट: शादी के मौके पर दूल्हा या दुल्हन को मिलने वाले गिफ्ट पर पूरी तरह से टैक्स से छूट मिलती है. छूट का दावा केवल वर या वधू द्वारा ही किया जा सकता है, न कि उनके माता-पिता द्वारा. इसके अलावा, छूट शादी के अवसर पर दी जाएगी, न कि उनकी सालगिरह या किसी अन्य समारोह पर.
दोस्तों से गिफ्ट में मिली नगदी: यदि आप नकद, चेक, ड्राफ्ट आदि के रूप में कोई गिफ्ट प्राप्त करते हैं और एक वर्ष के दौरान इसका कुल मूल्य ₹50,000 से अधिक नहीं है, तो पूरा गिफ्ट टैक्स फ्री होगा. हालांकि, यदि यह 50 हजार रुपए से ज्यादा है, तो पूरी राशि पर टैक्स लगेगा.
दोस्तों या अन्य लोगों से मिले कीमती गिफ्ट: अगर आपको 'चल संपत्ति' (movable property) कही जाने वाली कीमती चीजें गिफ्ट में मिलती हैं और इनकी कीमत वित्तीय वर्ष के दौरान ₹50,000 से अधिक नहीं है तो ये टैक्स फ्री होगा. यदि यह इस राशि से अधिक है, तो ऐसी चल संपत्ति पर टैक्स लगेगा. आयकर कानून के हिसाब से 'चल संपत्ति' की केटेगरी में ये चीजें आ जाती हैं - शेयर (shares), securities, आभूषण (jewellery), पुरातात्विक संग्रह, चित्र, पेंटिंग, मूर्तियां, कला का कोई भी काम, और वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (bitcoin or NFTs).