कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) शिकायत दर्ज कराने के इच्छुक इच्छुक ग्राहकों को सिंगल-विंडो इंटरफ़ेस उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक चौबीसों घंटे चलने वाला बहुभाषी "संपर्क केंद्र" (Multilingual Contact Centre) स्थापित करने की योजना बना रहा है.
यह पहल EPFO के लगभग सात करोड़ एक्टिव ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा. दरअसल, हाल के महीनों में शिकायतों के समाधान में देरी और सेटलमेंट क्लेम रिजेक्शन की बढ़ती दरों को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर संगठन को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इस कारण रियाटरमेंट फंड बॉडी ने यह योजना बनाई है. ईपीएफओ ने इस संपर्क केंद्र की स्थापना के लिए एक टेंडर जारी किया है.
क्या होगा इस संपर्क केंद्र का उद्देश्य
EPFO के टेंडर डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि इस संपर्क केंद्र का उद्देश्य मल्टी-चैनल [हेल्पलाइन नंबर, विभिन्न कार्यालयों के लैंडलाइन फोन, वॉक-इन, शिकायत पंजीकरण पोर्टल, व्हाट्सएप, सोशल मीडिया (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि), फिजिकल डाक, चैटबॉट, उमंग, ई-मेल इत्यादि] पर शिकायत को सुनना/समझना है और साथ ही, ईपीएफओ के जोनल और रीजनल ऑफिस को हेड ऑफिस से जोड़कर समस्या का समाधान करना है. ईपीएफओ ने टेंडर में 23 भाषाओं को लिस्ट किया है: हिंदी, अंग्रेजी, असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू.
आपको बता दें कि ईपीएफओ एक नए शिकायत रजिस्ट्रेशन सॉफ्टवेयर के साथ ईपीएफओ हेल्पलाइन को एक इंटीग्रेटेड शिकायत मैनेजमेंट सिस्टम में बदलने पर विचार कर रहा है. संगठन का उद्देश्य है कि इस सिस्टम के जरिए न सिर्फ ग्राहकों की समस्याएं हल हों बल्कि उन्हें संतुष्टि हो और उनकी शिकायतों पर निगरानी रखकर सभी जरूरी सुधार किए जा सकें.
शुरू की थी हेल्पलाइन
इससे पहले, ईपीएफओ ने एक टोल-फ्री नंबर (1800118005) के साथ एक हेल्पलाइन शुरू की थी, जिसे बाद में प्रश्नों के निवारण की सुविधा और अपनी सेवाओं से संबंधित जानकारी देने के लिए एक शॉर्ट कोड (14470) के साथ बदल दिया गया था. हालांकि, हेल्पलाइन नंबर ज्यादा पहुंच से बाहर था. प्रस्तावित कॉल सेंटर के साथ, ईपीएफओ मौजूदा शिकायत पंजीकरण पोर्टल, EPFiGMS को ज्यादा एड्वांस्ड रजिस्ट्रेशन और रिजॉल्यूशन सॉफ्टवेयर से बदल देगा. इसका उद्देश्य सामान्य अनुरोधों और प्रश्नों के लिए ई-मेल, व्हाट्सएप, सोशल मीडिया, चैटबॉट पर ऑटो-रिस्पॉन्स के लिए एक ऑटोमेटेड सॉल्यूशन देकर ईपीएफओ को सक्षम करना है.