बहुत से लोगों को अक्सर एक वक्त के बाद अपनी जॉब में उलझन महसूस होने लगती है. ऐसा लगने लगता है जैसे वे एक लूप में फंस गए हैं और काम में जरा भी अच्छा नहीं लगता है. बहुत बार लंबे समय तक एक जैसा काम करते रहने से या समय-समय पर कुछ नया सीखने को न मिलने के कारण ऐसी भावना मन में आने लगती है. इस तरह की भावना को करियर रट (Career Rut) कहा जाता है.
करियर रट या करियर की उथल-पुथल एक ऐसी स्थिति है जहां आप अपने पेशेवर जीवन में अटके हुए या स्थिर महसूस करते हैं. अपनी वर्तमान नौकरी या करियर में डेवपलमेंट, संतुष्टि या प्रेरणा की कमी महसूस करते हैं. करियर की उथल-पुथल का मतलब सिर्फ अपनी नौकरी को नापसंद करना नहीं है - बल्कि इसमें वो तमाम बातें शामिल हैं जिनकी वजह से आप खुद को एक जगह अटका हुआ महसूस करते हैं.
किन कारणों से होता है ऐसा
ऐसा हो सकता है कि आपकी सोच या सिद्धांत आपकी नौकरी से मेल नहीं खाते हों, आप थक गए हों, या आप कुछ नया नहीं सीख रहे हों. ऐसे में, आपको जानना होगा कि कौन-सी बातें आपको परेशान कर रही हैं. आपको सबसे पहले उन संकेतों को समझना होगा जो आपको इस तरह ले जा रहे हैं. चाहे वह काम करने में उत्साह की कमी हो, हर दिन का एक रूटीन हो, या लगातार असंतुष्टि की भावना हो. इन भावनाओं को स्वीकार करना व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है.
जानकारों के मुताबिक अगर आपकी अपनी कंपनी है तो कई फैक्टर, जैसे वर्क-लाइफ बैलेंस न होना, अच्छी लीडरशिप न होना, कम्यूनिकेशन प्रॉब्लम्स लोगों के लिए नौकरी से थकान और निगेटिविटी का कारण बन सकते हैं. ऐसे में कंपनी के वर्कर्स का मनोबल बढ़ाने पर फोकस करें. काम का माहौल खुशनुमा और प्रोत्साहित करने वाला होना चाहिए.
कंपनी को कर्मचारियों की मेंटल हेल्थ के बारे में सतर्क रहने की जरूरत है. रेगुलर चेक-इन, परफर्मेंस रिव्यू और ओपन कम्यूनिकेशन मॉडल मुद्दों को जल्दी पहचानने में मदद कर सकते हैं. टीम को अच्छे लीडर की जरूरत होती है जो टीम से उनके लेवल पर जाकर बात करे, उनकी परेशानी समझे और उनकी मदद करे.
क्या कर सकते हैं आप
कर्मचारियों को अपनी ताकत, कमजोरी और जुनून की पहचानने के लिए सेल्फ-रिफलेक्शन करना चाहिए. पर्सनल करियर गोल्स और वैल्यूज को समझने से प्रोफेशनल लाइफ में मदद मिलती है. अगर आप फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं, तो आपको अपनी समस्याओं और आकांक्षाओं के बारे में सीनियर्स, टीम हेड या मैनेजर्स से खुलकर बात करनी चाहिए. क्रिएटिव कम्यूनिकेशन हमेशा समाधान की ओर ले जाते हैं, जैसे प्रोजेक्ट्स में बदलाव, कोई दूसरी जिम्मेदारी मिलना आदि.
साथ ही कुछ पहल खुद भी करें. निरंतर सीखना और स्किल ट्रेनिंग जरूरी है. वर्कशॉप्स में भाग लें, सर्टिफिकेट कोर्स करें या विशेषज्ञता बढ़ाने और करियर के नए रास्ते खोलने के लिए मेंटरशिप लें. एक प्रोफेशनल नेटवर्क बनाएं जो विभिन्न उद्योगों, नौकरी भूमिकाओं और अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा.