बंगलुरु स्थित कॉफी ब्रांड VS Mani & Co. के फाउंडर ने रेलवे से दक्षिण भारत में चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों में दक्षिण भारतीय ब्रांड्स के स्नैक्स परोसने की अपील की है. दक्षिण भारत में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए रेलवे की सराहना करते हुए, उद्यमी जीडी प्रसाद ने सरकार से सपोर्ट मांगा. उन्होंने अपने X अकाउंट पर वंदे भारत में सर्व की जाने वाली स्नैक ट्रे की तस्वीर पोस्ट की और लिखा कि हम दक्षिण में विश्व स्तरीय वंदे भारत से खुश हैं. साथ ही, उन्होंने इस स्नैक ट्रे के लिए साउथ इंडियन ब्रांड्स को प्रमोट करने के लिए सरकार का सपोर्ट मांगा. प्रसाद ने अपनी पोस्ट में प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ), रेलवे और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को टैग किया.
उन्होंने लिखा, "अगर आप हमें मौका देंगे तो फिल्टर कॉफी और दक्षिण भारतीय स्नैक्स परोसना हमारे लिए सम्मान की बात होगी." उनकी पोस्ट कुछ ही घंटों में वायरल हो गई. थोड़ी देर बाद, उन्होंने एक्स पर एक अपडेट पोस्ट किया जिसमें बताया गया कि रेलवे ने उनके ट्वीट करने के 24 घंटे के भीतर ही उनसे संपर्क किया और उन्होंने रेलवे के साथ मीटिंग भी की है.
दक्षिण भारत की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस 2022 में चेन्नई, मैसूर और बेंगलुरु के बीच शुरू की गई थी. बेंगलुरु में धारवाड़, बेलगावी, हुबली, चेन्नई, कोयंबटूर, मैसूर और हैदराबाद के लिए वंदे भारत ट्रेन सेवाएं हैं.
कैसे शुरू हुई यह फिल्टर कॉफी ब्रांड
VS Mani & Co. की स्थापना जीडी प्रसाद, राहुल बजाज और यशस अलूर ने की है. एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री में सालों का अनुभव रखने वाले जीडी प्रसाद ने साल 2020 में साउथ इंडियन स्पेशियलिटी- फिल्टर कॉफी पाउडर, काढ़ा और ऑथेंटिक स्नैक्स उपलब्ध कराने के लिए इस ब्रांड की शुरुआत की. बाद में, बजाज और अलूर भी उनके साथ जुड़ गए. प्रसाद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह इस ब्रांड को "दक्षिण भारत का हल्दीराम" बनाने की इच्छा रखते हैं. कंपनी चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग दक्षिण की सांस्कृतिक बारीकियों और भोजन के अनुभवों को समझें.
प्रसाद का कहना है कि वह दक्षिण भारत में पले-बढ़े हैं और उनके लिए फिल्टर कॉफी एक इमोशन है. लेकिन जब वह चेन्नई से बाहर गए तो उन्होंने देखा कि उनकी तरह और भी बहुत से लोग हैं जिनकी फिल्टर कॉफी की क्रेविंग को दूर करने के लिए कोई ऑथेंटिक ब्रांड या प्रोडक्ट नहीं है. हर शहर के किसी न किसी कैफ में आपको फिल्टर कॉफी मिल जाएगी लेकिन हर रोज कैफे जाकर कॉफी पीना भी संभव नहीं है. इसके लिए उन्हें किसी ऐसे प्रोडक्ट की जरूरत थी जो कभी भी कहीं भी उपलब्ध हो सके. और यहां से उनके बिजनेस आइडिया का जन्म हुआ था.
Shark Tank India Season 2 में मिली फंडिंग
प्रसाद के फिल्टर कॉफी ब्रांड को शुरू होने के बाद लोगों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला और उनका आइडिया बहुत से लोगों को पसंद आया. इसलिए उन्हें फंडिंग भी मिली. साल 2023 में Shark Tank India के दूसरे सीजन में वह अपनी बिजनेस पिच लेकर आए थे. उन्होंने 1.5 प्रतिशत इक्विटी के लिए 60 लाख रुपये की मांग की थी. उन्हें 1 प्रतिशत इक्विटी के लिए ₹19 लाख रुपए और 10 प्रतिशत ब्याज पर ₹41 लाख का कर्ज मिला. उनके ब्रांड की वैल्यूएशन ₹19 करोड़ की गई.
शार्क टैंक में आने के बाद ब्रांड की काफी मार्केटिंग भी हुई और उनके काफी कस्टमर बढ़े. क्योंकि अब सिर्फ दक्षिण भआरत के नहीं बल्कि देश के हर कोने में फिल्टर कॉफी पसंद की जा रही है. आज उनकी कंपनी का टर्नओवर 7 करोड़ रुपए सालाना है.