वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को लोकसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट (Union Budget) पेश करेंगी. सीतारमण का यह 8वां बजट होगा. मोदी सरकार 3.0 के इस बजट से मिडिल क्लास को काफी उम्मीदें हैं. टैक्सपेयर्स भी टैक्स स्लैब्स में बदलाव होने की आस लगाए हुए हैं.
टैक्स स्लैब्स में बदलाव से मिलेगी बड़ी राहत
मिडिल क्लास का मानना है कि इस बार बजट में वित मंत्री निर्मला सीतारमण इनकम टैक्स में कटौती कर उनको बढ़ती हुई महंगाई से राहत दे सकती हैं. सरकार के इनकम टैक्स की दरों (Income Tax Slabs and Rates) में बदलाव करने से न सिर्फ आम लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी बल्कि धीमी हो रही अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा मिलेगी.
सरकार इस बार बजट में 10 लाख रुपए तक की सालाना आय को पूरी तरह टैक्स-फ्री करने की घोषणा कर सकती है. अभी 10 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर टैक्स लगता है. इसके अलावा सरकार 15 से 20 लाख रुपए की आय पर 25 प्रतिशत का नया टैक्स स्लैब ला सकती है. अभी 15 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है. हालांकि ऐसा करने पर सरकार को 50000 करोड़ से 1 लाख करोड़ रुपए तक का रेवेन्यू लॉस हो सकता है. टैक्स स्लैब में बदलाव होने पर कई लोग ओल्ड टैक्स रिजीम से न्यू टैक्स रिजीम में शिफ्ट हो जाएंगे.
क्या है न्यू टैक्स रिजीम के तहत अभी टैक्स स्लैब
1. 0 से 3,00,000 रुपए पर: 0%
2. 3,00,001 से 7,00,000 रुपए पर: 5%
3. 7,00,001 से 10,00,000 रुपए पर: 10%
4. 10,00,001 से 12,00,000 रुपए पर: 15%
5. 12,00,001 से 15,00,000 रुपए पर: 20%
6. 15,00,001 रुपए से अधिक पर: 30%
स्टैंडर्ड डिडक्शन में हो सकती है बढ़ोतरी
मोदी सरकार न्यू टैक्स रिजीम को साल 2020 में लेकर आई थी. पुराने टैक्स रिजीम में 50 हजार और नए टैक्स रिजीम में 75 हजार रुपए तक के स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल ही न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर दिया था. वर्तमान में 75 हजार रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ 7.75 लाख रुपए तक की आय वालों को टैक्स नहीं देना पड़ता. इस साल मोदी सरकार बजट में न्यू टैक्स रिजीम को और भी ज्यादा आकर्षक बना सकती है. स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 75 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए किया जा सकता है.
सीनियर सिटीजन भी इस बजट से आस लगाए हुए हैं. सरकार भी उनके बारे में सोच रही है. अभी ओल्ड रिजीम में सीनियर सिटीजन के लिए ढाई लाख और न्यू टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपए तक की छूट है. सरकार इसे बढ़ाकर ओल्ड रिजीम में 7 लाख रुपए और न्यू रिजीम में 10 लाख रुपए तक कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार बजट सत्र 2025 में नया आयकर कानून पेश करने की योजना बना रही है, जो करदाताओं को लाभान्वित करेगा और कर प्रणाली को सरल बनाएगा. सरकार शेयर से होने वाली कमाई पर टैक्स लगाने का प्रावधान कर सकती है.
होम लोन में ब्याज पर मिल सकती है इतनी छूट
केंद्र सरकार ने आयकर कानून की विभिन्न धाराओं के तहत होम लोन पर छूट की व्यवस्था की है. ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर्स को होम लोन कटौती का लाभ मिलता है. पुरानी टैक्स व्यवस्था का चयन करने वाले कब्जे वाली संपत्ति होम लोन ब्याज के लिए 2 लाख रुपए तक की कटौती का दावा कर सकते हैं. यह नई टैक्स व्यवस्था में उपलब्ध नहीं है. लोगों को उम्मीद है कि नई टैक्स व्यवस्था में भी सरकार होम लोन को शामिल कर सकती है. बजट में इस बार होम लोन पर सेक्शन 24बी के तहत ब्याज पर 3 लाख रुपए तक की छूट देने की घोषणा की जा सकती है. इतना ही नहीं प्रिंसिपल एमाउंट पर डिडक्शन के लिए नई कैटेगेरी बनाई जा सकती है. हेल्थ पॉलिसी प्रीमियम पर मिलने वाली छूट की सीमा बढ़ाकर 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए 50 हजार रुपए और सीनियर सिटीजन्स के लिए 75 हजार रुपए तक किया जा सकता है.
पीएम किसान योजना की राशि में हो सकती है बढ़ोतरी
इस बार बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) की राशि में बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती हैं. वर्तमान में किसानों को पीएम किसान योजना के तहत सालाना 6,000 रुपए मिलते हैं. संसद की स्थाई समिति ने इस राशि को बढ़ाकर 12000 रुपए करने की सिफारिश की है. उधर, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान फसल बीमा योजना के लाभों में बढ़ोतरी के संकेत दे चुके हैं.
महिलाओं के लिए विशेष योजनाओं की हो सकती है घोषणा
इस बार बजट में वित मंत्री महिलाओं के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा कर सकती हैं. गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए मुफ्त चिकित्सा योजनाएं लाई जा सकती हैं. ये योजनाएं आधी आबादी की आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण में सहायक होंगी. बजट में शिक्षा के लिए आवंटन बढ़ाने की संभावना है. बजट में विभिन्न उद्योगों, विशेषकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा की जा सकती है.