Union Budget 2024-2025: मिडिल क्लास से लेकर रियल एस्टेट इंडस्ट्री तक, बजट से बंधीं लोगों की ये 5 उम्मीदें

Union Budget 2024-25: नौकरीपेशा लोगों से लेकर व्यवसायियों तक, इस बजट से सभी की कुछ न कुछ उम्मीदें बंधी हुई हैं. आइए डालते हैं ऐसी ही कुछ अपेक्षाओं पर नजर जो आने वाले एक साल में भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

Union Finance Minister Nirmala Sitharaman presenting her seventh successive Budget on July 23. 
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 22 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 12:10 PM IST
  • 23 जुलाई को पेश होगा बजट
  • मोदी 3.0 का होगा पहला बजट

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट मंगलवार को घोषित होने वाला है. अलग-अलग सेक्टर्स में काम करने वाले लोगों को इस बजट से अलग-अलग उम्मीदें हैं. आइए डालते हैं बजट से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण उम्मीदों पर नजर.

1. सैलरी वालों को टैक्स स्लैब बढ़ने की उम्मीद
वेतनभोगी वर्ग ने हमेशा बजट से बड़ी उम्मीदें रखी हैं. हालांकि पिछले कुछ बजट टैक्स राहत और उच्च रिटर्न के साथ लॉन्ग-टर्म सेविंग्स की संभावनाओं के मामले में काफी निराशाजनक रहे हैं. इस बार बजट से मिडल क्लास न्यूनतम टैक्स स्लैब पांच लाख रुपए होने की उम्मीद करता है. नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद होगी कि टैक्स दर 10 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और अधिकतम 30 प्रतिशत तक ही सीमित रहे. सरचार्ज और उपकर (Cess) जैसी चीजें खत्म हो जाएं. 

कई तरह के निवेशों और खर्चों को इनकम टैक्स से बाहर रखने वाले सेक्शन 80सी की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपए तक की जा सकती है. आवास ऋण (Home Loan) और मूलधन भुगतान (Principal Repayment) पर ब्याज सीमा और बढ़ाया जा सकता है. 

2. सतत विकास पर जा सकता है ध्यान
संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में सतत विकास (सस्टेनेबल डेवपलमेंट) को लेकर जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि अर्थव्यवस्थाओं को आर्थिक विकास के साथ सतत विकास को भी प्राथमिकता देनी चाहिए. अपने सस्टेनेबल डेवलपमेंट लक्ष्यों को संजीदगी से लेने वाला भारत बजट में भी इस ओर काम कर सकता है. 

सीएनबीसी टीवी18 के अनुसार, इम्पका सर्विसेज और आदिवासी डॉट ऑर्ग के निदेशक और संस्थापक डॉ बिक्रांत तिवारी कहते हैं, "2024 के बजट में सस्टेनेबल स्टार्टअप्स के लिए वित्तीय सहायता महत्वपूर्ण है. खासकर उन स्टार्टअप्स के लिए जो पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित हैं. जैविक खेती को बढ़ावा देने से पर्यावरण पर खेती से पड़ने वाले असर को कम करने में भी मदद मिलेगी. हम चाहते हैं कि बजट एक सस्टेनेबल भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए 'ग्रीन' इंडस्ट्री और रोजगार को प्राथमिकता दे."  

1. शिक्षा के क्षेत्र में हो सकता है निवेश
2020 नई शिक्षा नीति (New Education Policy) की मांगों को पूरा करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में सरकार से निवेश बढ़ाने की उम्मीद है. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (NIIT) के सीईओ पंकज जाथर कहते हैं, “केंद्रीय बजट 2024-2025 से हम शिक्षा और कौशल विकास के लिए बजटीय आवंटन में सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 6% तक की उल्लेखनीय वृद्धि की आशा करते हैं. यह नई शिक्षा नीति 2020 की पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण होगा. हम सरकार के समर्पण की सराहना करते हैं. आशा है कि शिक्षा और कौशल को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट और भी अधिक अवसर पैदा करने के लिए इन पहलों पर आधारित होगा." 

4. रियल एस्टेट सेक्टर को बदलाव की उम्मीद
आगामी बजट से रियल एस्टेट सेक्टर को सरकारी नीति में टैक्स राहत जैसे कई बदलावों की उम्मीद है. सीएनबीसी टीवी18 से बात करते हुए ग्रांट रियल्टी के संस्थापक और सीईओ अनमोल डी श्रॉफ कहते हैं, "टैक्स प्रोत्साहन, बेहतर टैक्स संरचनाओं और 'सिंगल-विंडो एग्जिट' नीति के साथ रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने से विदेशी और घरेलू दोनों स्रोतों से रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा.”

वह कहते हैं, “इसके अलावा कॉर्पोरेट और निजी करदाताओं के लिए कम इनकम टैक्स, सरल कर कानून और कंसट्रक्शन सामग्री पर कम जीएसटी दरों जैसे कर सुधार निर्माण को प्रोत्साहित करेंगे. इससे रियल एस्टेट खिलाड़ियों के लिए बेहतर माहौल तैयार होगा. इन सुधारों के प्रभाव से टैक्सपेयर के लिए उपलब्ध धन में इजाफा होगा. इससे ज्यादा लोग रियल एस्टेट के उपभोक्ता बन सकेंगे और पूरे देश के लिए आर्थिक विकास में योगदान देंगे."

5. स्टार्टअप्स के लिए आ सकती है 'घरवापसी' स्कीम
मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा दिया गया है. पीएम मोदी भारत के विकास में इसे एक अहम घटक भी बताते रहे हैं. इसी दिशा में मोदी सरकार बजट 2024-25 में एक ऐसी योजना ला सकती है, जो विदेशों में ठिकाना बना चुके भारतीय स्टार्टअप्स की 'घरवापसी' करवाए.

सीएनबीसी टीवी18 की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया, "उद्योग के जानकार अधिकारियों के अनुसार, आगामी केंद्रीय बजट में सरकार विदेशी मूल के भारतीय स्टार्टअप के लिए अपने कॉर्पोरेट मुख्यालयों को 'गिफ्ट' सिटी के विशेष आर्थिक क्षेत्र के माध्यम से भारत में वापस लाने का रास्ता तैयार कर सकती है." 

सनद रहे कि गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी या 'गिफ्ट' सिटी को दुबई और सिंगापुर जैसे वित्तीय केंद्रों की टक्कर में लाने के लिए भारत सरकार टैक्स-ब्रेक और अन्य रियायतों के साथ शहर में कंपनियों को लुभाने की कोशिश कर रही है. सूत्रों के अनुसार, सरकार गिफ्ट सिटी में रहने वाली कंपनियों को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) जैसे भारतीय शेयर बाजारों में सूचीबद्ध करने की अनुमति देने के लिए भविष्य में एक और नीति अपना सकती है. 

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