ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत ने अपनी रैंकिंग सुधारने का सिलसिला जारी रखा है. 2022 के GII में भारत 2021 के 46वें स्थान से बढ़कर 40वीं पोजीशन पर पहुंच गया है. अगर पिछले 7 साल में इसकी रैंकिंग में आए जंप की बात करें तो 2015 में ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत 81वें स्थान पर था. 7 साल में भारत GII रैंकिंग के मामले में दुनिया के टॉप 40 देशों में शामिल हो गया है.
स्टार्टअप के लिए बेहतर माहौल बनाने से सुधरी रैंकिंग
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में सुधार की वजह स्टार्टअप सेक्टर के लिए तैयार किया गया बेहतर माहौल है. इसके साथ ही देश में इनोवेशन को भी लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके साथ ही सरकारी और निजी संगठनों की तरफ से रिसर्च पर जोर दिए जाने से भी भारत ने इनोवेशन के मामले में तेज तरक्की हासिल की है. इस साल की रैंकिंग में 6 पोजीशन की छलांग लगाना भारत की इसी मजबूत स्थिति को जाहिर कर रहा है. पिछली बार भारत की रैंकिंग में महज 2 पायदान का सुधार दर्ज किया गया था.
GII रैंकिंग में दुनिया के टॉप 5 देश
GII रैंकिंग के मामले में लगातार 12वें साल स्विटज़रलैंड दुनिया में पहले नंबर पर है. इसकी वजह है कि इनोवेशन आउटपुट, खासकर पेटेंट्स, सॉफ्टवेयर खर्च, हाईटेक मैन्युफैक्चरिंग और प्रॉडक्शन में ये अव्वल है. इसके बाद GII रैंकिंग में दूसरे नंबर पर अमेरिका है, तीसरे पर स्वीडन, चौथे पर ब्रिटेन और पांचवे पर नीदरलैंड है. इस रैंकिंग के लिए देशों को कई पैमानों पर मापा जाता है, जिनमें शामिल हैं इंस्टीट्यूशंस, ह्यूमन और कैपिटल रिसर्च, इंफ्रास्ट्रक्चर. टॉप 10 देशों की लिस्ट में शामिल बाकी 5 देश हैं, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, जर्मनी, फिनलैंड और डेनमार्क.
भारत के साथ ही तुर्की और इंडोनेशिया ने भी सुधारी रैंकिंग
ग्लोबल सप्लाई चेन पर लगे ब्रेक के बावजूद भारत और तुर्की ने इनोवेशन के दम पर अपनी रैंकिंग को सुधारा है. इसी तरह इंडोनेशिया ने भी आगे बढ़ने की संभावनाएं दिखाई है. निम्न मध्य आय वर्ग में तो भारत को इनोवेशन का लीडर करार दिया गया है. इसके अलावा भी वेंचर कैपिटल रिसीट वैल्यू, स्टार्टअप के लिए फाइनेंस, साइंस और इंजीनियरिंग में ग्रैजुएट्स, श्रमिक उत्पादकता में बढ़ोतरी, घरेलू उद्योग में विविधता के मामले में भी भारत अग्रणी है.
GII रैंकिंग से मिलता है इनोवेशन का हौसला
इस रिपोर्ट से दुनिया के सभी देशों की सरकारों को इनोवेशन बढ़ाने की प्रेरणा मिलती है. GII का मकसद है कि नए विचारों और तकनीकों को सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों के बदलावों में शामिल किया जाए. जीआईआई की रिपोर्ट को ज्यादातर सरकारें अपनी नीतियों को सुधारने का जरिया मानती हैं, जो मौजूदा हालात में बदलाव करने में मदद करता है.
(इनपुट -आदित्य के राणा)