भारत में सोना खरीदना केवल एक सामान खरीदना नहीं है, बल्कि ये सांस्कृतिक धरोहर और भविष्य के लिए एक निवेश भी है. लेकिन इसकी शुद्धता को लेकर हमेशा सवाल खड़े होते हैं. सोना सही या नहीं? कहीं ज्वेलर ने आपके साथ धोखेबाजी तो नहीं की? इसी से बचने के लिए भारत सरकार ने सोने की ज्वेलरी की हॉलमार्किंग शुरू कर दी है. नवंबर 2024 तक, ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) के नए नियमों के तहत 361 जिलों में यह हॉलमार्किंग लागू की गई है.
हॉलमार्किंग सोने की ज्वेलरी की शुद्धता और प्रामाणिकता दिखाती है. इससे उपभोक्ताओं को उनकी रकम के मुताबिक ज्वेलरी मिल पाती है. हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर को सभी हॉलमार्क वाली ज्वेलरी पर लगाया जाता है.
असली हॉलमार्क्ड गोल्ड ज्वेलरी की पहचान कैसे करें
1. HUID नंबर की जांच करें: HUID, या हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर, हर सोने की ज्वेलरी में होता है, जो यह दिखाता है कि इसे ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स ने पास किया है.
2. BIS लोगो को देखें: ज्वेलरी पर BIS हॉलमार्क प्रतीक की मुहर देखें. यह लोगो सुनिश्चित करता है कि ज्वेलरी को BIS के अस्सेइंग और हॉलमार्किंग सेंटर (AHC) ने शुद्धता के लिए सत्यापित किया है.
3. ज्वेलर के रजिस्ट्रेशन नंबर की पुष्टि करें: हर BIS-रजिस्टर्ड ज्वेलर के पास एक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है, ज्वेलरी पीस पर इसका स्टैम्प होता है. रजिस्टर्ड ज्वेलर्स से ही खरीदारी करना प्रामाणिकता की गारंटी के लिए जरूरी है.
4. शुद्धता और ग्रेड मार्क्स की जांच करें: ज्वेलरी पर शुद्धता का मार्क जैसे कि 22K, 18K, या 14K, भी दिखाई देना चाहिए, साथ ही हॉलमार्क की मुहर भी. यह प्यूरिटी ग्रेड सोने की मात्रा को दिखाता है, जैसे 22K का मतलब 91.6% शुद्धता.
BIS CARE ऐप का लें सहारा
अगर आप सोने की ज्वेलरी की प्रामाणिकता की दोबारा जांचना चाहते हैं, तो आपके लिए BIS ने BIS CARE ऐप पेश किया है. इस ऐप को एंड्रॉइड और iOS पर डाउनलोड किया जा सकता है. उपभोक्ता HUID दर्ज करके अपनी ज्वेलरी की प्रामाणिकता की जानकारी ले सकते हैं. अब जानते हैं कि इसे कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं-
-सबसे पहले ऐप में HUID दर्ज करें. आपके सामने अब ज्वेलरी का पूरा रिकॉर्ड आ जाएगा. इसमें ज्वेलर का रजिस्ट्रेशन नंबर, AHC का दिया हुआ नंबर, ज्वेलरी का प्रकार (जैसे, अंगूठी, हार), और प्योरिटी ग्रेड शामिल हैं.
-ऐप हॉलमार्किंग की तारीख भी दिखाता है, जिससे उपभोक्ता समझ सकते हैं कि ज्वेलरी को वेरीफाई कब किया गया है.
-आप गुणवत्ता या BIS मार्क के दुरुपयोग के बारे में शिकायतें भी दर्ज कर सकते हैं. साथ ही किसी भी भ्रामक विज्ञापन की रिपोर्ट कर सकते हैं, या BIS क्वालिटी स्टैंडर्ड देख सकते हैं.
गोल्ड खरीदारी के लिए ज्वेलर के पास जाते समय क्या देखना चाहिए
जब आप किसी ज्वेलरी स्टोर में हों, तो सुनिश्चित करें कि आप असली हॉलमार्क वाली ज्वेलरी खरीद रहे हैं. सबसे पहले, ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग डिटेल देखें. जिसमें BIS लोगो, HUID और प्योरिटी ग्रेड शामिल हैं. यह मुहर सुनिश्चित करती है कि ज्वेलरी का BIS स्टैंडर्ड के अनुसार टेस्ट और वेरिफिकेशन किया गया है. इसके अलावा, अगर आपके पास स्मार्टफोन है, तो आप खरीदारी पूरी करने से पहले HUID को BIS CARE ऐप में जल्दी से वेरिफिएशन कर सकते हैं. साथ ही, BIS-रजिस्टर्ड ज्वेलर के पास एक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है. केवल वेरिफाइड ज्वेलर्स से खरीदारी करने से यह सुनिश्चित होता है कि ज्वेलरी शुद्ध ही होगी.
अगर मुमकिन हो, तो उस हॉलमार्किंग सेंटर के बारे में पूछें जहां ज्वेलरी का टेस्ट किया गया था. खरीदारी के बाद, हॉलमार्किंग और प्योरिटी डिटेल वाला एक बिल जरूर लें, ताकि आपके पास भविष्य के लिए रिकॉर्ड हो.
गौरतलब है कि भारत विश्व के सबसे बड़े सोने के उपभोक्ताओं में से एक है. ऐसे में हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता जानने के लिए एक अच्छा मध्याम है. पहले ज्वेलर्स लोगों को गलत या कम शुद्ध वाली ज्वेलरी दे देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.