भारत के रियल एस्टेट सेक्टर को COVID-19 महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान बड़ा झटका लगा था, लेकिन अब स्थिति में सुधार के संकेत मिल रहे हैं. हाल ही में Deloitte Touche Tohmatsu India LLP (Deloitte India) ने एक रिपोर्ट जारी की जिसका शीर्षक 'रियलिटी ऑफ रियल्टी इन ए पोस्ट-कोविड-19 (Reality of realty in a post-COVID-19)' है. ये रिपोर्ट इस क्षेत्र में आए बदलावों को दिखाती है.
सर्वे पर आधारित इस रिपोर्ट के अनुसार, महामारी के चलते उपभोक्ताओं के व्यवहार में बदलाव आया है, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में वापस उछाल आया है. रिपोर्ट में इस बात पर नजर डाली गयी है कि भले ही पहली लहर का रेसीडेंशियल रियल स्टेट पर दूरगामी असर पड़ा हो, लेकिन सब-सेक्टर ने अपना बैलेंस फिर से हासिल कर लिया है.
10-20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का संकेत
इस सर्वे में भाग लेने वाले 74 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने उम्मीद जताई कि आवासीय उप-क्षेत्र की मांग में वृद्धि होगी. सर्वे में भाग लेने वाले 86 प्रतिशत लोगों ने इस सेक्टर में 10-20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का संकेत दिया. एक्सिस ईकॉर्प के सीईओ और निदेशक आदित्य कुशवाहा ने कहा कि रियल एस्टेट बाजार में अभी गिरावट नहीं आएगी और मांग में कमी के बीच सेक्टर तेजी से आगे बढ़ना जारी रखेगा. ब्याज दरों का भी मौजूदा उछाल पर एक बड़ा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में घर के खरीदार ऐसे घर की तलाश कर रहे हैं जो बड़े हों, टिकाऊ सामग्री से बने हों और सेल्फ सस्टेनिंग सोसाइटी में हों.
भारत में डेटा केंद्रों की मांग बढ़ेगी
लोगों ने महामारी के दौरान घर से काम करने को वरीयता दी, ऐसे में कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर में गिरावट दर्ज की गयी. हालांकि अब कोरोना के केस कम होने, टीकाकरण अभियान तेज होने, कार्यालयों और संगठनों में हाइब्रिड वर्किंग मॉडल को अपनाने के साथ, वाणिज्यिक रियल-एस्टेट उप-क्षेत्र में विकास की उम्मीद है. सर्वे में यह भी कहा गया है कि भारत में डेटा केंद्रों की मांग बढ़ेगी. 88 प्रतिशत लोगों का मानना था कि डिजिटलाइजेशन के कारण, COVID-19 के बाद डेटा सेंटर रियल एस्टेट में टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और डेटा की मांग बढ़ जाएगी.
फेस्टिव सीजन रहा उत्साहजनक
महामारी का असर सभी उद्योगों पर पड़ा है, लेकिन यह स्पष्ट है कि कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर में चीजों को बदल दिया है. चीजें अब पटरी पर आने लगी हैं और हम 2022 में इस सेक्टर में बढ़ोत्तरी हो सकती है. जहां तक डेटा सेंटर की बात है पिछले कुछ सालों में इस सेक्टर में निवेश की झड़ी लग गई है. भारत में डेटा सेंटर बाजार का साइज अगले 3-4 सालों में 4 बिलियन डॉलर को छूने की उम्मीद है. भारत में डेटा सेंटर बाजार में विकास की काफी संभावनाएं हैं और यह डेटा केंद्रों की बढ़ती मांग से स्पष्ट है.अधिकांश डेवलपर्स के लिए फेस्टिव सीजन बहुत उत्साहजनक रहा है और अधिकतर लोग आने वाले समय के बारे में आशावादी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि 2021 की चौथी तिमाही में ज्यादा संख्या में लेनदेन होंगे अगर संक्रमण का स्तर कम रहता है.
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