गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई दुनिया के प्रभावशाली शख्सियतों में से एक हैं. साल 2020 में टाइम मैगजीन ने उनको दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में रखा था. साल 2004 में पिचाई गूगल से बतौर मैनेजमेंट एग्जीक्यूटिव जुड़े थे और साल 2015 में गूगल के सीईओ बनाए गए. साल 2019 में उनको गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट का सीईओ बनाया गया. सुंदर पिचाई पिछले 17 सालों से गूगल में काम कर रहे हैं. 10 जून 1972 को तमिलनाडु के मदुरई में के साधारण परिवार में सुंदर पिचाई का जन्म हुआ था. उनका पूरा नाम पिचाई सुंदरराजन है. उनके पिता का नाम रघुनाथ पिचाई और मां का नाम लक्ष्मी है. रघुनाथ पिचाई इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे.
सुंदर पिचाई की शिक्षा-
सुंदर पिचाई की शुरुआत पढ़ाई-लिखाई चेन्नई के अशोक नगर में हुई. 12वीं की परीक्षा वनवाणी मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल से पास की. पिचाई ने आईआईटी खड़गपुर में बीटेक की डिग्री के लिए मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग की. उन्होंने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की है. पिचाई ने पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल की. उन्होंने करियर की शुरुआत सिलिकॉन वैली में एक सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी में इंजीनियर और प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में की. इसके बाद साल 2004 में गूगल ज्वॉइन किया.
गूगल के सीईओ बनने की कहानी-
सुंदर पिचाई ने गूगल में खूब तरक्की की. उनको गूगल में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और प्रोडक्ट चीफ भी बनाया गया. सुंदर पहले गूगल सर्च के टूलबार पर काम करते थे. जिसकी मदद से लोग फायरफॉक्स और इंटरनेट एक्सप्लोरर जैसे ब्राउजर पर आसानी से गूगल सर्च कर सके. सुंदर पिचाई ने अपना ब्राउजर बनाने की सलाह दी. लेकिन उस वक्त के सीईओ ने इस आइडिया को ठुकरा दिया. जिसकी आशंका सुंदर पिचाई ने जताई थी वही हुआ. माइक्रोसॉफ्ट ने इंटरनेट एक्सप्लोरर से गूगल को हटाकर अपना सर्च इंजन Bing को डिफाल्ट सर्च इंजन बना दिया. जिससे गूगल ने 30 करोड़ कस्टमर्स को खो दिया. इसके बाद गूगल को सुंदर पिचाई की बात माननी पड़ी. पिचाई की कोशिश से साल 2008 में गूगल ने अपना एक यूजर फ्रेंडली इंटरनेट ब्राउजर लॉन्च किया. जिसका नाम क्रोम था. क्रोम ब्राउजर आज दुनिया का नंबर वन ब्राउजर है. साल 2008 में उनको वॉइस प्रेसिडेंट ऑफ प्रोजेक्ट डेवलपमेंट बनाया गया. साल 2012 में उनको क्रोम के सीनियर वॉइस प्रेसिडेंट बना दिया गया. साल 2013 में पिचाई को एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम के हेड के तौर पर एंड्रॉयड वन की शुरुआत की और इसे 500 करोड़ लोगों तक पहुंचाया. अगस्त 2015 में सुंदर पिचाई को गूगल का सीईओ बना दिया गया. इसके बाद गूगल का पुनर्गठन हुआ और अल्फाबेट इंक गूगल की पैरेंट कंपनी बन गई. दिसंबर 2019 में सुंदर पिचाई को अल्फाबेट का सीईओ बना दिया गया.
आर्थिक तंगी से भी गुजरे पिचाई-
सुंदर पिचाई आज दुनिया के सबसे मशहूर हस्तियों में से एक हैं. लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब उनको आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ा था. साल 1995 में स्टैनफोर्ड में बतौर पेइंग गेस्ट रहते थे. उस दौरान पैसे बचाने के लिए वो पुरानी चीजों का इस्तेमाल करते थे. लेकिन कभी भी पढ़ाई से समझौता नहीं किया.
सुंदर पिचाई की लव स्टोरी-
सुंदर पिचाई की अंजलि से मुलाकात आईआईटी खड़गपुर में हुई थी. दोनों बैचमेट थे. पहले दोनों की दोस्ती हुई और फिर दोनों में प्यार हो गया. आईआईटी के बाद सुंदर मास्टर्स डिग्री के लिए अमेरिका चले गए. उस दौरान वो आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे, इसलिए वो अंजलि से बात नहीं कर पाते थे. 6 महीने तक दोनों में कोई बात नहीं हुई. लेकिन इससे दोनों के रिश्ते कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत हुए. कुछ वक्त बाद अंजलि भी अमेरिका चली गईं. कुछ वक्त बाद सुंदर पिचाई ने नौकरी की और उनकी आर्थिक हालत ठीक होने लगी तो उन्होंने दोनों परिवार की मर्जी से शादी कर ली.
सुंदर पिचाई की कमाई-
Celebrity Net Worth के मुताबिक सुंदर पिचाई की नेटवर्थ 600 मिलियन डॉलर है. भारतीय मुद्रा में ये सैलरी करीब 45 अरब रुपए होगी. साल 2015 से 2020 के बीच सुंदर पिचाई ने 75 अरब रुपए की कमाई की. सुंदर की बेस सैलरी 2 मिलियन डॉलर है यानी 15 करोड़ रुपए है. बोनस और स्टॉक ग्रांट के जरिए भी कमाई होती है.
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