महाराष्ट्र के नासिक की एक महिला किसान ने विपरीत परिस्थितियों में हार नहीं मानी. उस महिला के पति और बेटे की मौत के बाद खेती करना शुरू किया. उस महिला किसान का नाम संगीता पिंगले है. जिन्होंने केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. सुनीता आज 13 एकड़ में खेती करती हैं और सालाना 20 से 25 लाख रुपए की कमाई कर रही हैं.
केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन-
संगीता पिंगले का जन्म नासिक के शिलापुर गांव में हुआ था. संगीता को बचपन से पढ़ाई का शौक था. फैमिली ने संगीता को पढ़ाई में साथ भी दिया. साल 2000 में संगीता ने केमिस्ट्री से ग्रेजुएशन किया. इसी साल उनकी शादी मातोरे गांव के अनिल पिंगले से हो गई. अनिल खेती-किसानी का काम करते थे. संगीता भी घर-परिवार संभालने में जुट गई. शादी के एक साल बाद साल 2001 में संगीता की एक बेटी हुई. बेटी होने की खुशी तो हुई, लेकिन इसी साल संगीत पर दुखों का पहाड़ टूटा. संगीता के पिता का निधन हो गया. यह उनके लिए बहुत बड़ा झटका था. इस झटके बाद संगीता से जैसे-तैसे खुद को संभाला.
पति की मौत से बदली जिंदगी-
साल 2004 में संगीता को एक बेटा हुआ. बेटा दिव्यांग था और छोटी उम्र में ही उसकी मौत हो गई. बेटे की मौत से संगीता टूट गई. लेकिन जिंदगी तो जीना ही पड़ता है. संगीता किसी तरह से जिंदगी काटने लगी. लेकिन अभी उनकी जिंदगी में इससे भी बड़ा तूफान आने वाला था. साल 2007 उनके लिए जिंदगी का सबसे बड़ा तूफान लेकर आया. एक सड़क हादसे में संगीता के पति अनिल की मौत हो गई. जब अनिल की मौत हुई, इस समय संगीता 9 महीने की गर्भवती थी. पति की मौत के 15 दिन बाद संगीता ने बेटे को जन्म दिया. अब संगीता के सामने बच्चों की परवरिश की चुनौती थी. संगीता ने बच्चों के लिए सारे दुख भुला दिए.
फैमिली ने अकेला छोड़ा, शुरू की खेती-
संगीत पिंगले संयुक्त परिवार में बच्चों की परवरिश करने लगी. लेकिन साल 2016 में फैमिली में संपत्ति का बंटवारा हो गया. संगीता के हिस्से 13 एकड़ जमीन आई. संगीता के पास खेती का अनुभव नहीं था, लेकिन फैमिली पालने के लिए काम करना ही था. संगीता ने हिम्मत नहीं हारी और खेती पर फोकस करना शुरू किया. उन्होंने खेती के बारे में जानकारी हासिल की. बंटवारे के 3 महीने बाद ससुर की भी मौत हो गई.
अंगूर की खेती से लाखों की कमाई-
ससुर की मौत के बाद संगीता ने खेती की सारी जिम्मेदारी खुद संभाल ली. उन्होंने अंगूर की खेती करने का फैसला किया. संगीता ने खूब मेहनत की. उनकी मेहनत रंग लाई. संगीता ने एक हजार टन अंगूर का उत्पादन किया. इससे सालाना 20-25 लाख रुपए की कमाई होने लगी. संगीता इलाके की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं.
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