GVK Group Success Story: किसान के बेटे ने खड़ी की अरबों की कंपनी, जीवीके ग्रुप के सफर पर एक नजर

GVK Group Story: किसान के बेटे गणपति वेंकट कृष्णा रेड्डी ने जीवीके ग्रुप की स्थापना की थी. जीवीके ग्रुप भारत में पीपीपी मॉडल के तहत पहली इंडिपेंडेंट पावर प्लांट और पहला 6 लेन रोड प्रोजेक्ट लेने वाली कंपनी है. इसके अलावा कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी इमरजेंसी सर्विस प्रोवाइडर है.

जीवी कृष्णा रेड्डी ने जीवीके ग्रुप की स्थापना की थी (Photo/Wikipedia)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 2:46 PM IST

संसद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर गौतम अदाणी को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों को बदलने का आरोप लगाया. इस दौरान राहुल गांधी ने GVK ग्रुप का भी जिक्र किया. राहुल गांधी ने कहा कि सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल करके जीवीके ग्रुप से मुंबई हवाई अड्डे को छीन लिया गया और अदाणी को सौंप दिया गया. हालांकि जीवीके ग्रुप की तरफ से मुंबई एयरपोर्ट को बेचने के लिए किसी भी तरह के दबाव से इनकार किया. जीवीके ग्रुप के चेयरमैन सीवी संजय रेड्डी ने कहा कि अदाणी को कंपनी बेचने का कोई दबाव नहीं था. चलिए आपको बताते हैं कि जीवीके ग्रुप इतना बड़ा कैसे हो गया? कैसे एक किसान के बेटे ने अरबों का कारोबार खड़ा किया.

क्या है GVK ग्रुप-
कंपनी की नींव गणपति वेंकट कृष्णा रेड्डी ने रखी थी. उनको जीवीके के नाम से भी जाना जाता है. जीवीके ग्रुप के अध्यक्ष भी हैं. कंपनी ने 25 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया है. जबकि भारत में 17 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाएं प्रस्तावित हैं. कंपनी ने पीपीपी मॉडल के तहत भारत की पहली इंडिपेंडेंट पावर प्लांट, पहला 6 लेन रोड प्रोजेक्ट और ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट बनाया. GVK ग्रुप का कारोबार होटल, एयरपोर्ट्स डेवलपमेंट, पावर प्लांट्स, 108 एंबुलेंस सर्विस से लेकर रोड्स प्रोजेक्ट तक फैला है. GVK ग्रुप की गिनती देश के टॉप इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में होती है. कंपनी का मुख्यालय तेलंगाना के हैदराबाद में है. खुद जीवीके इसके चेयरमैन हैं, जबकि उनके बेटे संजय रेड्डी वाइस चेयरमैन हैं.

रेड्डी ने बनाई कंपनी-
रेड्डी ने सबसे पहले 1950 में अपने चाचा के साथ कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करना शुरु किया. लेकिन बाद में पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए. साल 1991 में हार्वर्ड से पढ़ाई करने के बाद जीवीके रेड्डी भारत लौट आए. 
 उन्होंने साल 1992 में आंध्र प्रदेश के जेगुरपाड़ा में प्राइवेट पावर प्लांट शुरू किया. 20 अप्रैल 2005 को रेड्डी ने जीवीके कंपनी की नींव रखी. साल 2006 में उनके जीवन में सबसे बड़ा मोड़ आया. जबक उनको मुंबई एयरपोर्ट के मॉडर्ननाइजेशन का काम मिला. छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का टर्मिनल-2 जीवीके कंपनी ने ही तैयार किया था. इसके बाद इस ग्रुप का काम तेजी से बढ़ने लगा. कंपनी की गिनती देश के टॉप इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में होने लगी. कंपनी का कारोबार भारत, ऑस्ट्रेलिया से लेकर इंडोनेशिया तक फैला है.

किसान परिवार में पैदा हुए GVK-
साल 1937 में 22 मार्च को गणपति वेंकट कृष्णा रेड्डी का जन्म आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के एक गांव कोथुर में हुआ था. रेड्डी की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई गांव में ही हुई थी. इसके बाद हैदराबाद से ग्रेजुएशन किया. रेड्डी ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से ओपीएम प्रोग्राम पूरा किया. उनके पिता एक किसान थे. घर में पिता ही सिर्फ कमाने वाले थे. जीवीके 6 भाई-बहन हैं. उनकी शादी इंदिरा रेड्डी से हुई. उनका एक बेटा जीवी संजय रेड्डी और एक बेटी शालिनी भूपाल हैं.

सोशल वर्क भी करते हैं जीवीके रेड्डी-
जीवीके रेड्डी सोशल वर्क से भी जुड़े हैं. गणपति वेंकट कृष्णा रेड्डी जीवीके फाउंडेशन के तहत सामाजिक कार्य से जुड़े हैं. जीवीके दुनिया की सबसे बड़ी इमरजेंसी सर्विस प्रोवाइडर हैं. इसके अलावा कंपनी खेलों को भी प्रमोट करती है. 

पद्म भूषण पुरस्कार से हुए सम्मानित-
जीवीके को कई बार सम्मानित किया जा चुका है. साल 2011 में तात्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया था. इसके अलावा साल 2019 में भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में भूमिका के लिए TAI अवॉर्ड्स से नवाजा गया. रेड्डी को साल 2017 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला.

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