Haldiram Success Story: बीकानेर से ब्लैकस्टोन तक, जानिए कैसे 2 पैसे/किलो भुजिया से खड़ा हुआ 70 हजार करोड़ का बिजनेस

फूड चेन की बात करें तो हम अक्सर डोमिनोज़, मैकडॉनल्ड्स या केएफसी जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय नामों के बारे में सोचते हैं. लेकिन एक भारतीय ब्रांड ऐसा है जिसने अपने भारतीय स्नैक्स से इन सभी को टक्कर दी है. वह ब्रांड है हल्दीराम. इसकी शुरुआत बीकानेर में एक छोटी सी दुकान से हुई थी, लेकिन अब यह स्नैक्स की सबसे बड़ी कंपनी है, जो दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में अपने उत्पाद बेचती है.

Haldiram Success Story
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2024,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST

भारत की प्रसिद्ध भोजन, मिठाई और स्नैक्स चेन हल्दीराम पर कई बड़ी ग्लोबल कंपनियों की नजर है. जी हां, कई ग्लेबल इंवेस्टर्स हल्दीराम के मालिकाना हक पर नजर गड़ाए बैठे हैं. रिपोर्टों के अनुसार, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) और सिंगापुर के जीआईसी के साथ टॉप प्राइवेट इक्विटी (PE) फर्म ब्लैकस्टोन के लीडरशिप में एक ग्लोबल कंसोर्टियम ने हल्दीराम के स्नैक्स फूड में 76 प्रतिशत तक हिस्सेदारी के लिए पिछले सप्ताह बोली लगाई है. हल्दीराम की कीमत 8-8.5 अरब डॉलर (लगभग 66,400-70,500 करोड़ रुपये) हो सकती है. कई अन्य निजी इक्विटी फर्मों ने भी 2016-17 से हल्दीराम का एक हिस्सा खरीदने में रुचि दिखाई है.

हालांकि, हल्दीराम और वैश्विक संघ दोनों ने अभी तक इस मामले पर कोई पुष्टि नहीं की है. लेकिन एक भारतीय ब्रांड की ग्लोबल लेवल पर इतनी मांग होना दिलचस्प बात है. और वह भी ऐसी ब्रांड जो राजस्थान के बीकानेर शहर में भुजिया की एक छोटी की दुकान से शुरू हुई थी. आज हम आपको बता रहे हैं कहानी हल्दीराम की. 

भुजिया से शुरू हुई कहानी
हल्दीराम की कहानी छोटी सी दुकान से शुरू हुई थी. इसकी शुरुआत 1937 में बीकानेर में गंगा भीषण अग्रवाल ने की, जिन्हें हल्दीराम के नाम से जाना जाता था. उन्होंने अपनी चाची से स्नैक रेसिपी सीखी. उन्होंने रेसिपी में सुधार किया और इसे लोकप्रिय बना दिया. उन्होंने बड़ी चतुराई से बीकानेर के एक लोकप्रिय महाराजा के नाम पर इसका नाम 'डूंगर सेव' रखा था. अपने दादा का बिजनेस छोड़कर उन्होंने अपने नए स्नैक के साथ अपना खुद का बिजनेस शुरू किया. 

लोगों को उनका उत्पाद बेहद पसंद आया और उन्होंने हर हफ्ते लगभग 200 किलोग्राम भुजिया बेच डाली. तब उनकी भुजिया की कीमत 2 पैसे प्रति किलो से बढ़कर 25 पैसे हो गई क्योंकि यह बहुत पॉपुलर थी. धीरे-धीरे हल्दीराम के हाथ का स्वाद बीकाने से बाहर पहुंचने लगा. उन्होंने कोलकाता, नागपुर और दिल्ली में दुकानें खोलीं. उन्होंने फ़ैक्टरियों में अपना नाश्ता बनाना भी शुरू कर दिया और रेस्तरां भी खोले. 

500 से ज्यादा है फूड प्रोडक्ट्स
अब, हल्दीराम व्यवसाय के तीन मुख्य भाग हैं: दिल्ली में हल्दीराम स्नैक्स और एथनिक फूड्स, नागपुर में हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल, और कोलकाता में हल्दीराम भुजियावाला. दिल्ली का बिजनेस सबसे बड़ा है. स्नैक्स और नमकीन से लेकर मिठाई और रेडी-टू-ईट फूड तक 500 से ज्यादा उत्पादों के विविध पोर्टफोलियो के साथ, हल्दीराम स्नैक फूड उद्योग में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभरा है, 

यूके, यूएस और जापान जैसे प्रमुख बाजारों सहित 100 देशों में फैले संचालन के साथ, कंपनी का टर्नओवर बहुत ज्यादा अच्छा है. हल्दीराम ने मिनट खाना, कप शप और कुकी हेवन जैसे नए ब्रांड भी बनाए हैं और हाल ही में कोकोबे ब्रांड के तहत चॉकलेट बेचना शुरू किया है. वे अब ब्रिटानिया, मोंडेलेज़ और अमूल जैसे बड़े ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपने उत्पाद सुपरमार्केट और ऑनलाइन स्टोर में बेच रहे हैं. उन्होंने कुछ छोटे ब्रांड भी खरीदे हैं, जैसे बाबाजी नमकीन, आकाश नमकीन और एटॉप फूड्स. 

 

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