Happy Birthday Ratan Tata: रतन टाटा ने दी थी देश को पहली 'Made in India' कार, 9 साल में की थीं 36 कंपनियां टेकओवर

Ratan Tata Birthday: भारतीय उद्योगपति रतन टाटा बुधवार, 28 दिसंबर को अपना 85वां जन्मदिन मना रहे हैं. वह देश के सबसे सम्मानित और परोपकारी उद्योगपतियों में से एक हैं.

Happy birthday Ratan Tata
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 28 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:54 AM IST
  • 85 साल के हो गए रतन टाटा
  • टाटा ग्रुप को लाए ग्लोबल लेवल पर 

भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा आज 28 दिसंबर को 85 साल के हो गए. टाटा बिजनेस टाइकून होने के साथ-साथ एक मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं. टाटा का विश्वास है कि इंसानियत और परोपकार के बिना बिजनेस नहीं किया जा सकता है. 

रतन टाटा 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में नवल टाटा और सोनी टाटा के घर जन्मे. उन्होंने 25 साल की उम्र में कंपनी में अपना करियर शुरू किया था. वह 1959 में आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए कॉर्नेल विश्वविद्यालय गए. उन्होंने 1962 में भारत लौटने से पहले लॉस एंजिल्स में जोन्स और एम्मन्स के साथ काम किया. 

टाटा ग्रुप को लाए ग्लोबल लेवल पर 
रतन टाटा 1962 में टाटा समूह में शामिल हुए और उनकी पहली नौकरी जमशेदपुर में टाटा स्टील डिवीजन के साथ थी. साल 1975 में, उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में मैनेजमेंट पूरा किया. साल 1991 में, रतन टाटा ने टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला. यह वो समय था जब ग्लोबलाइजेशन भारत के लिए नया था. लेकिन रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को वैश्विक स्तर पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई.

9 साल में की 36 कंपनियां टेकओवर
ग्लोबल लेवल पर टाटा की शुरुआत साल 2000 में हुआ जब टाटा टी ने टेटली को टेकओवर किया. उन्होंने केवल 9 वर्षों में लगभग 36 कंपनियों का अधिग्रहण किया. टेटली टेकओवर के बाद उन्होंने कई बड़े-छोटे टेकओवर किए. जिनमें टाटा स्टील का एंग्लो-डच स्टील निर्माता कोरस का अधिग्रहण और टाटा मोटर्स द्वारा ब्रिटिश ऑटोमोबाइल प्रमुख जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण शामिल है. 

किया भारत के पहले स्वदेशी वाहन का निर्माण
रतन टाटा ने भारत का पहला स्वदेशी वाहन टाटा इंडिका बनाया. भारत की इस पूरी तरह से स्वदेशी कार को 1998 में ऑटो एक्सपो और जेनेवा इंटरनेशनल मोटर शो में प्रदर्शित किया गया था. टाटा इंडिका एक पेट्रोल और डीजल इंजन के साथ उपलब्ध थी. रतन टाटा ने दुनिया की सबसे सस्ती कार टाटा नैनो भी बनाई.

उनका नेट वर्थ
IIFL Wealth Hurun India Rich List के अनुसार पिछले साल रतन टाटा की कुल संपत्ति 3,500 करोड़ रुपये आंकी गई थी, उन्हें देश के 433वें सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में स्थान दिया गया था, जिसे जानकर कई लोगों को आश्चर्य हो सकता है. उनकी कम रैंकिंग का कारण बड़े पैमाने पर परोपकारी कार्य है जो वे टाटा समूह द्वारा प्रबंधित ट्रस्टों और धर्मार्थ संस्थानों के माध्यम से करते हैं. 

परोपकार में है विश्वास 
रतन टाटा हमेशा से ही चैरिटी और मदद करने में विश्वास करते हैं. साल 1919 में 80 लाख रुपये के कोष के साथ सर रतन टाटा ट्रस्ट की स्थापना की गई थी. आज, टाटा ट्रस्ट भारत के सबसे पुराने और सबसे सम्मानित चैरिटी फाउंडेशन में से एक के रूप में मौजूद है. टाटा संस, टाटा समूह की कंपनियों की प्रमुख प्रवर्तक इकाई है और टाटा संस के 66 प्रतिशत इक्विटी शेयर परोपकारी ट्रस्टों के पास हैं, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, कला और संस्कृति और अन्य दान का समर्थन करते हैं. 

रतन टाटा के नेतृत्व में, टाटा समूह ने स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में समकालीन मुद्दों से भारत को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

 

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