Ratan Tata invested in fuel delivery startup: घर पर फ्यूल डिलीवरी करने वाले इस स्टार्टअप को रतन टाटा ने दी थी इंवेस्टमेंट, उद्यमी कपल ने लिखे खत तो मिलने बुलाया...दिल छू लेगी यह कहानी

रतन टाटा सिर्फ एक अच्छे बिजनेसमैन ही नहीं बल्कि युवा उद्यमियों और नए स्टार्टअप्स के लिए अच्छे मेंटर भी थे. उन्होने बहुत से स्टार्टअप्स को सपोर्ट किया और बहुत से युवाओं को बिजनेस में मेंटरशिप दी. पुणे बेस्ड Repos Energy के को-फाउंडर्स, अदिति भोसले वालुंज और चेतन वालुंज भी इनमें से एक हैं.

Ratan Tata mentored this couple (Photo: LinkedIn/@ Aditi Bhosale Walunj)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 10 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. वह भारत के सबसे सम्मानित और पसंदीदा उद्योगपतियों में से थे, जिन्होंने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और विभिन्न क्षेत्रों में अपने योगदान के माध्यम से राष्ट्र के विकास में अहम भूमिका निभाई. रतन टाटा को बिजनेस के साथ-साथ लोगों की भलाई के लिए काम करने के लिए जाना जाता है.  

रतन ने अपनी जिंदगी भारत में हेल्थकेयर, शिक्षा, ग्रामीण विकास और अन्य सामाजिक कार्यों में सुधार के लिए समर्पित की. साथ ही, उन्होंने युवा उद्यमियों का मार्गदर्शन भी किया. बहुत से युवाओं के लिए वे उनके मेंटर थे जिन्होंने उन्हें न सिर्फ बिजनेस की सलाह दी बल्कि उनके बिजनेस में इंवेस्ट भी किया. 

इन युवाओं की फेहरिस्त में Repos Energy के को-फाउंडर्स- अदिति भोसले वालुंज और चेतन वालुंज का नाम भी शामिल है. Repos Energy, एक पुणे बेस्ड ऑन-डिमांड फ्यूल डिस्ट्रिब्यूशन स्टार्टअप है. आप कंपनी की रिपोज ऐप पर सिर्फ एक क्लिक करके अपने घर पर सभी तरह के फ्यूल मंगवा सकते हैं. 

इस उद्यमी कपल से खुद मिले रतन टाटा
अदिति और चेतन ने साल 2016 में इस कपल ने अपने स्टार्टअप आइडिया पर काम करना शुरू किया था. साल 2017 में उन्होंने अपनी कंपनी शुरू की. हालांकि, अपनी कंपनी को सफल बनाने के लिए उन्हें किसी से मेंटरशिप की जरूरत थी. तब रतन टाटा ने उनकी मदद की. इस बारे में अदिति ने अपनी लिंक्डइन प्रोफाइल पर शेयर किया था.

अदिति ने लिखा कि जब उन्होंने और चेतन मेंटरशिप के बारे में सोचा तो उनके दिमाग में सबसे पहला नाम आया रतन टाटा. अदिति ने चेतन से कहा कि रतन टाटा से मिलते हैं. चेतन ने उन्हें जवाब दिया कि रतन टाटा उनके पड़ोसी नहीं हैं जो उनसे ऐसे ही मिल लेंगे. लेकिन उन्होंने एक कोशिश की. उन्होंने रतन टाटा को अपने स्टार्टअप के बारे में बताते हुए खत लिखे. हालांकि, उन्हें खतों का जवाब नहीं आया. 

अदिति मे लिखा कि एक दिन वह और चेतन उनके घर के बाहर 12 घंटे खड़े रहे. उन्हें लगा कि बस किसी तरह उन्हें सिर्फ एक बार उनसे मिलने का मौका मिल जाए. हालांकि, वे तब उनसे नहीं मिल पाए. लेकिन जैसे ही वे अपने रूम पहुंचे उनके फोन पर लैंडलाइन नंबर से फोन आया. उन्होंने फोन उठाया तो दूसरी ओर से आवाज आई- 

"नमस्ते! क्या मैं अदिति से बात कर सकता हूं?”

अदिति ने हां कहा और पूछा कि कौन बात कर रहा है. सामने से जवाब मिला- रतन टाटा. 

टाटा ने उन्हें बताया कि उन्हें उनके खत मिले हैं और वे उनसे मिलना चाहते हैं. अदिति ने मीडिया इंटरव्यूज में बताया कि रतन टाटा ने उन्हें अपने घर मीटिंग के लिए बुलाया. हालांकि, मीटिंग का टाइम शुरू में 20 मिनट रखा गया था लेकिन जब अदिति और चेतन उनसे मिले और उन्होंने अपने स्टार्टअप के बारे में बताया तो यह मीटिंग कब चार घंटे की हो गई उन्हें पता ही नहीं चला. 

मेंटरशिप के साथ दी इंवेस्टमेंट भी
रतन टाटा ने न सिर्फ उनका मार्गदर्शन किया बल्कि उनके स्टार्टअप में इंवेस्ट भी किया. साल 2019 में रतन टाटा से उन्हें फंडिंग मिली और इसके बाद अप्रैल 2022 में एक और फंडिंग राउंड में उन्हें टाटा ग्रुप से मदद मिली. आज, रिपोस एनर्जी के पास कुल 2000 मोबाइल पेट्रोल पंप हैं, जिनमें पूरे भारत में 700 ईंधन उद्यमी (व्यक्तिगत फ्यूल पार्टनर) और पेट्रोल पंप डीलर शामिल हैं. वे भारत के 300 शहरों में काम कर रहे हैं. जैसे-जैसे काम बढ़ा, रिपोज़ एनर्जी टीम की संख्या भी बढ़कर कुल 500 (350 ऑफिस वर्कफोर्स और 150 फ़ैक्टरी कर्मचारी) हो गई. 

अब तक, ऑन डिमांड फ्यूल डिलीवरी स्टार्टअप के लगभग 6000 कस्टमर्स हैं और इसने लगभग 13 करोड़ लीटर ईंधन, विशेष रूप से डीजल डिलीवर किया है. कंपनी ने साल 2023 में 72 करोड़ रुपये के टर्नओवर पार किया था. इस साल उन्हें उम्मीद है कि वे 100 करोड़ का आंकड़ा छू लेंगे. 

 

Read more!

RECOMMENDED