खुफिया जानकारी के आधार पर, गृह मंत्रालय (MHA) ने सोमवार को एक अलर्ट जारी किया. इस अलर्ट में नकदी से जुड़े सभी वित्तीय नियामक और जांच एजेंसियों, और बैंकों को सावधान किया गया है कि बाजार में "हाई-क्वालिटी के नकली ₹500 के नोट" आ गए हैं. गृह मंत्रालय ने बताया कि ये नकली नोट असली नोटों जैसे ही दिखते हैं, लेकिन एक छोटी सी स्पेलिंग गलती के ज़रिए इन्हें पहचाना जा सकता है. नकली नोटों पर "RESERVE BANK OF INDIA" की स्पेलिंग गलत है. इन पर 'E' की जगह 'A' लिखा गया है. इसलिए जाली नोटों पर यह 'Resarve Bank of India' हो गया है.
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए यह सूचना DRI (राजस्व खुफिया निदेशालय), FIU (फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट), CBI (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन), NIA (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी), SEBI, और अन्य महत्वपूर्ण एजेंसियों व बैंकों को भेजी गई है. नकली नोट असली जैसे दिखते हैं, जिससे उन्हें पहचानना मुश्किल हो सकता है. केवल छोटी सी स्पेलिंग गलती इनकी पहचान में मदद कर सकती है.
अधिकारियों ने कहा कि यह गलती बहुत मामूली है, जिसे पहली नजर में पकड़ पाना मुश्किल हो सकता है. इसलिए सभी संस्थानों को सतर्क रहने को कहा गया है. इसके साथ ही, नकली नोट की तस्वीरें भी साझा की गई हैं, ताकि पहचान में आसानी हो.
जनता को भी सतर्क रहने की सलाह
सरकार ने आम जनता से अपील की है कि अगर किसी को शक हो किसी नोट पर, तो तुरंत पुलिस या संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना दें. जब एक वरिष्ठ अधिकारी से पूछा गया कि ऐसे नकली नोट कितनी संख्या में बाजार में आ चुके हैं, तो उन्होंने कहा कि एक बार नकली नोट बाजार में आ जाएं, तो किसी भी एजेंसी के लिए उनकी असली संख्या बताना मुश्किल हो जाता है. यह जानकारी आम तौर पर बैंकों द्वारा जमा किए गए नकली नोटों पर आधारित होती है. लेकिन उन्होंने माना कि वास्तविक संख्या रिपोर्ट से कहीं ज़्यादा हो सकती है.
हाल ही में संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि नकली नोटों को रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाए गए हैं, जैसे: भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) और गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत सजा के प्रावधान, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की स्थापना, FICN कॉर्डिनेशन ग्रुप (FCORD) और TFFC सेल (आतंक की फंडिंग और नकली नोटों से संबंधित विशेष प्रकोष्ठ) का गठन.