Razorpay के को-फाउंडर्स, हर्षिल माथुर और शशांक कुमार को 33 साल की उम्र में हुरुन रिच लिस्ट 2024 में सबसे कम उम्र के भारतीय अरबपतियों में नामित किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों की व्यक्तिगत कुल संपत्ति 1.03 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है. हर्षिल और शशांक की कहानी आज से एक दशक पहले शुरू हुई थी जब उन्होंने देखा कि भारत में ऑनलाइन पेमेंट्स सेक्टर के हालात बहुत अच्छे नहीं हैं. इस सेक्टर में बहुत से गैप थे जिन्हें भरने के लिए दोनों दोस्तों ने Razorpay की शुरुआत की.
कैसे हुई Razorpay की शुरुआत
Razorpay एक फिनटेक स्टार्टअप है जिसे खासतौर पर स्टार्टअप्स के लिए बनाया गया था. इसकी शुरुआत साल 2014 में दो IITian शशांक कुमार और हर्षिल माथुर ने की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर्षिल और शशांक उस समय एक क्राउडसोर्सिंग प्लेटफॉर्म बना रहे थे. तभी उन्हें एहसास हुआ कि स्टार्टअप और MSME को ऑनलाइन पेमेंट करने में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने यह भी देखा कि अमेरिका के पेमेंट सिस्टम भारत की मार्केट के लिए सही नहीं थे. ऐसे में उन्होंने खुद इस पर कुछ करने की सोची.
उन्होंने रेज़रपे की शुरुआत की और यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जो पैसे के लेन-देन को आसान बनाता है. रेज़रपे ने कंपनियों और व्यवसायी लोगों के लिए एक सरल पेमेंट गेटवे की शुरुआत की. रेज़रपे के ज़रिए, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूपीआई, और डिजिटल वॉलेट जैसे कई तरीकों से ऑनलाइन पेमेंट किया जा सकता है. रेज़रपे, ट्रांजैक्शन फीस के ज़रिए पैसा कमाता है.
कई वॉलेट को करता है सपोर्ट
Razorpay प्लेटफ़ॉर्म के जरिए बिजनेस संस्थाओं के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग और यूपीआई सहित कई ऑनलाइन पेमेंट के तरीकों तक पहुंच मिलती है. प्लेटफॉर्म हर एक लेनदेन के लिए सिर्फ 2-3% शुल्क लेता हैं. यह भारत में कई प्रमुख वॉलेट को भी सपोर्ट करता है, जिनमें JioMoney, Mobikwik, Airtel Money, Freecharge, OlaMoney और PayZapp शामिल हैं. रेज़रपे यूजर्स को पेमेंट्स संभालने के लिए एक अच्छा डैशबोर्ड देता है और यह वेब और मोबाइल एप्लिकेशन दोनों के लिए लागू है.
इसके डैशबोर्ड में विभिन्न प्रोडक्ट्स हैं, जैसे रेज़रपे रूट, रेज़रपे स्मार्ट कलेक्ट, रेज़रपे सब्सक्रिप्शन, रेज़रपे इनवॉइस और रेज़रपे कैपिटल. ये प्रोडक्ट कैश फ्लो, पैसे को बांटना और इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर्स को ऑटोमेटिंग करने जैसे कामों को संभालते हैं. रेज़रपे शेड्यूल्ड पेमेंट्स को भी इकट्ठा करता है और कंपनियों को कैश फ्लो की परेशानी से बचाने के लिए इंस्टैंट लोन देता है. वे कर्मचारियों के वेतन को मैनेज और स्वचालित करने के लिए स्मार्ट पेरोल सॉफ़्टवेयर भी देते हैं. ओयो, क्रेड, फेसबुक, फ्लिपकार्ट, ज़ोमैटो और स्विगी, बायजू, ज़िलिंगो, यात्रा, गोआइबिबो और एयरटेल रेज़रपे के कुछ बड़े क्लाइंट्स हैं.