आयकर विभाग यानी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने टैक्सपेयर्स को आईटीआर (ITR) फाइल करने में आने वाली दिक्कतों से छुटकारा पाने के लिए ई-फाइलिंग ( E-Filing) पोर्टल पर एक नए फीचर की शुरुआत की है. इसकी सहायता से करदाता (Taxpayer) पेंडिंग टैक्स प्रोसीडिंग को आसानी से ट्रैक कर पाएंगे. एक क्लिक से आयकर विभाग की ओर से भेजे गए सभी नोटिस एक ही जगह मिल जाएंगे.
इनकम टैक्स ऑफिस के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस नए फीचर के बारे में बताया है. इसमें कहा गया है कि ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध ई-प्रोसीडिंग टैब में विभाग की ओर से जारी किए गए सभी नोटिस, इंटिमेशन और पत्रों को एक ही स्थान पर देखा जा सकता है.इस सुविधा से टैक्सपेयर्स को काफी आसानी होगी. उन्हें बार-बार इनकम टैक्स ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
ई-प्रोसीडिंग टैब के जरिए रजिस्टर्ड यूजर्स असेसिंग ऑफिशियल्स, सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) या किसी दूसरे आयकर प्राधिकरण की ओर से जारी किए गए अलग-अलग नोटिस और कम्यूनिकेशन को देख पाएंगे. इतना ही नहीं, इसका ऑनलाइन तरीके से जवाब भी दे सकते हैं. टैब में सर्च का विकल्प भी दिया गया है ताकि करदाता कोई खास नोटिस आसानी से खोज सकें.
ई-प्रोसीडिंग टैब में मिलेंगी ये जानकारियां
1. सेक्शन 245 के तहत सूचनाएं.
2. सेक्शन 139 (9) के तहत दोषपूर्ण नोटिस.
3. सेक्शन 143 (1) (ए) के तहत प्रथम दृष्टया समायोजन.
4. सेक्शन 154 के सुओ मोटो सुधार.
5. स्पष्टीकरण के लिए मांगे जाने वाली सूचनाएं.
6. किसी अन्य आयकर प्राधिकरण की ओर से जारी नोटिस.
क्या है प्रोसेस
1. टैक्सपेयर्स को सबसे पहले ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाना होगा. यहां www.incometax.gov.in पर लॉगइन करना होगा.
2. इसके बाद डैशबोर्ड से आप 'Pending Actions' सेक्शन में जाएं. यहां 'e-Proceedings' का विकल्प चुनें.
3. यहां आपको विलंबित कर प्रक्रिया और भेजे गए नोटिस के लिंक दिखाई देंगे.
4. आपको जवाब देने के लिए व्यक्तिगत या अधिकृत प्रतिनिधि का विकल्प चुनना होगा.
5. यदि खुद से जवाब दे रहे हैं तो पूछे गए प्रश्नों को भरना होगा.
6. अधिकृत प्रतिनिधियों को करदाता की ओर से प्राधिकृत पत्र जमा करना होगा.
इन डॉक्यूमेंट्स की पड़ेगी जरूरत
इस नए फीचर का उपयोग करने के लिए यूजर्स को एक एक्टिव पैन, एक वैलिड यूजर आईडी और ई-फाइलिंग पोर्टल के लिए पासवर्ड की जरूरत होगी. इसके अलावा ऑथराइज रिप्रेजेंटेटिव को टैक्सपेयर्स की ओर से काम करने के लिए ऑथराइज होने की जरूरत हो सकती है. कुछ मामलों में एक एक्टिव टैन (TAN) नंबर की भी जरूरत हो सकती है.
कब जारी होता है इनकम टैक्स नोटिस
टैक्सपेयर्स ने टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया हो या किसी बैंक इंटरेस्ट, किसी प्रॉपर्टी के बेचने पर हुई आय समेत अन्य लेनदेन की जानकारी नहीं दिया है तो ऐसे करदाताओं के खिलाफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस जारी किया जाता है. उनसे स्पष्टीकरण मांग जाता है. इनकम टैक्स की धारा 142 (1) के तहत नोटिस तब जारी किया जाता है जब टैक्सपेयर्स ने टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया हो. इसके लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की ओर जरूरी दिशा निर्देश भी जारी किए हैं. नोटिस प्राप्त करने वाले करदाताओं को इस साल 30 जून 2024 तक स्पष्टीकरण दाखिल करना है.