Income Tax Refund: क्या आपको ITR फाइल करने के बाद भी नहीं मिला है रिफंड, क्या हो सकती है देरी की वजह, ऐसे चेक करें स्टेटस, खाते में आएगा पैसा

ITR Refund: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नई व्यवस्था के अनुसार अब कोई भी टैक्सपेयर रिटर्न भरने के 10 दिनों के बाद रिफंड का स्टेटस चेक कर सकता है. आपको रिफंड का पैसा पाने के लिए ITR फाइल करने के 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन प्रोसेस को पूरा कर लेना चाहिए.

ITR Refund
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2024,
  • अपडेटेड 4:17 PM IST
  • 31 जुलाई 2024 तक भरना है  इनकम टैक्‍स रिटर्न 
  • रिफंड मिलने में देरी होने पर सबसे पहले अपना ई-मेल करें चेक 

ITR Filing: वित्त वर्ष 2024 के लिए बिना जुर्माने के इनकम टैक्‍स रिटर्न (Income Tax Return) भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है. यदि आपने टैक्स रिटर्न से जुड़े सारे काम निपटा लिए हैं. इसके बावजूद आपके खाते में टैक्स रिटर्न का रिफंड नहीं आया है तो आप परेशान न हों. सबसे पहले आप देरी का कारण जानें. कई बार रिटर्न भरे जाने में कुछ गड़बड़ी या कागजों की कमी के चलते रिफंड आने में देरी हो जाती है. आइए जानते हैं किन-किन कारणों से रिफंड में आने में देरी होती है और किस प्रोसेस से रिफंड का पैसा आसानी से पाया जा सकता है.

रिफंड में देरी होने पर क्या करें
सबसे पहले अपना ई-मेल चेक करें. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने किसी तरह की कोई एडिशनल जानकारी के लिए मेल तो नहीं भेजा है. यदि आईटीआर स्टेटस से पता चलता है कि रिफंड एक्सपायर हो गया है तो टैक्सपेयर रिफंड री-इश्यू करने का अनुरोध कर सकता है. यदि स्टेटस में रिटर्न दिखा रहा है तो ई-फाइलिंग पोर्टल/आकलन अधिकारी के पास रिफंड रि-इश्यू रेज कर सकते हैं.

ऐसे चेक करें इनकम टैक्स रिफंड का स्टेटस
1. सबसे पहले आयकर विभाग की साइट http://www.incometax.gov.in पर जाएं.
2. यूजर आईडी और पासवर्ड डालकर लॉग इन करें.
3. माई अकाउंट पर क्लिक करें और रिफंड/डिमांड स्टेटस को खोलें.
4. ड्रॉप डाउन मेन्यू में इनकम टैक्स रिटर्न्स को सेलेक्ट करें.
5. अब एकनॉलेज नंबर पर क्लिक करें.
6. अब एक नया पेज ओपन होगा, जहां आईटीआर के सारे डिटेल्स दिख जाएंगे.

पैन कार्ड की मदद से ऐसे चेक करें स्टेटस
1. NSDL के डाइरेक्ट लिंक https://tin.tin.nsdl.com/oltas/servlet/RefundStatus Track को खोलें.
2. अपना पैन नंबर डालें.
3. एसेसमेंट ईयर को सेलेक्ट करें.
4. सबमिट ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद आपको रिफंड का स्टेटस दिख जाएगा.

इनकम टैक्स रिफंड में देरी की वजह
1. गलत बैंक अकाउंट: बैंक अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों के गलत होने पर रिफंड नहीं मिलता है. यदि आपने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अपने बैंक अकाउंट की जानकारी अपडेट नहीं की है तो आपका रिफंड अटक सकता है. www.incometax.gov.in पर जाकर बैंक डिटेल को घर बैठे ही अपडेट कर सकते हैं.

2. बैंक अकाउंट का प्री-वैलिडेट न होनाः जिस बैंक खाते में इनकम टैक्स रिफंड आना है, उस बैंक खाते को प्री-वैलिडेट कराना जरूरी है. आयकरदाता को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद रिफंड इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर के जरिए मिलता है. यदि आपका बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट नहीं होगा तो रिफंड रुक सकता है.

ई-फाइलिंग पोर्टल पर बैंक अकाउंट वैलिडेशन स्टेटस को ऐसे करें चेक
1. सबसे पहले http://incometax.gov.in पर जाएं.
2. अपने क्रेडेंशियल्स के साथ लॉगिन करें.
3. अपनी Profile पर जाएं.
4. यहां My Bank Account पर क्लिक करें.
5. इसके बाद Revalidate या Add Bank Account को चुनें.

3. ITR वेरिफाई न करनाः कुछ आयकरदाता रिटर्न फाइल करने के बाद उसे वेरिफाई नहीं करते. जब तक आप इसे वेरिफाई नहीं करेंगे पैसा आपके खाते में नहीं आएगा.आपको अपना ITR फाइल करने के 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन प्रोसेस (ITR e-verification) को पूरा करना होता है.  हमेशा आईटीआर को वेरिफाई करें ताकि रिफंड मिलने में देरी न हो.  

4. आयकर विभाग को जवाब न देनाः कई बार ऐसा होता है कि आयकर विभाग रिटर्न दाखिल करने के बाद आयकरदाता से कुछ जानकारियां मांग लेता है. आयकर विभाग करदाताओं से उनकी बकाया मांग, बैंक अकाउंट और रिफंड में किसी तरह के अंतर के बारे में जानकारी मांग लेता है. इसे समय पर न देने पर भी रिफंड अटक सकता है.

5. आउटस्टैंडिंग डिमांड: पिछले फाइनेंशियल ईयर का कुछ बकाया है तो आपके इनकम टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है. ऐसे मामलों में करदाता के रिफंड का इस्तेमाल उन बकाया अमाउंट को सैटल करने के लिए किया जाता है. इसकी जानकारी इंटीमेशन नोटिस के जरिए दी जाती है.

6. रिटर्न अंडर स्क्रूटनी: आयकर विभाग एक्यूरेसी और कंप्लायंस को वेरीफाई करने के कुछ रिटर्न की स्क्रूटनी यानी जांच कर सकता है. यदि आपका रिटर्न जांच के दायरे में है तो असेसमेंट पूरा होने तक आपके रिफंड में देरी हो सकती है.

7. फॉर्म 26AS में मिसमैच: यदि आपके रिटर्न में TDS डिटेल और फॉर्म 26AS में मिसमैच है तो इसकी वजह से भी रिफंड मिलने में देरी हो सकती है.

8. तकनीकी समस्याएं: कई बार सर्वर प्रॉब्लम या बैकलॉग जैसी तकनीकी समस्याओं की वजह से भी रिफंड में देरी हो सकती है. ऐसे मामलों में आप ITD हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं. आप ई-मेल भी भेज सकते हैं. यदि इसके बाद भी रिफंड नहीं मिला तो आप टैक्स प्रोफेशनल या चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह ले सकते हैं.

ऐसे पा सकते हैं रिफंड का पैसा
1. सबसे पहले इनकम टैक्स पोर्टल www.incometax.gov.in पर लॉगिन करना होगा.
2. यहां सर्विसेज टैब पर क्लिक करें और रिफंड रीइश्यू को सेलेक्ट करें. यह ड्रॉप डाउन मेनू में दिखेगा.
3. रिफंड रीइश्यू रिक्वेस्ट बटन पर क्लिक करें (यह टैब तभी एक्टिव होगा अगर टैक्पेयर का रिफंड फेल हो गया हो).
4. क्रिए रिफंड रीइश्यू रिक्वेस्ट ऑप्शन का चयन करें. बॉक्स को टिक करें और एकनॉलेजमेंट नंबर को कंफर्म करें, कंटीन्यू बटन को दबाएं.
5. बैंक के नाम को चेक करें जिसमें आप रिफंड का पैसा चाहते हैं. बॉक्स को टिक करें और प्रोसीड टू वेरिफिकेशन पर क्लिक करें.
6. रिफंड का पैसा केवल वैलिडेटेड बैंक अकाउंट में ही आएगा. इस अकाउंट का स्टेटस वैलिडेटेड दिखना चाहिए.
7. आपको अपने मौजूदा बैंक अकाउंट नंबर और ब्रांच के आईएफएससी कोड को देना होगा.
8. आधार ओटीपी के साथ डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट को ई-वेरिफाई करें.
9. आपको एक मैसेज दिखेगा जिसमें लिखा होगा सबमिटेड सक्सेसफुली. इसके साथ ट्रांजैक्शन आईडी भी होगी.
10. व्यू रिफंड रीइश्यू रिक्वेस्ट पर क्लिक करें.

इस तरीके से भी ले सकते हैं रिफंड
1. इनकम टैक्स पोर्टल के डैशबोर्ड पर जाएं और पेंडिंग एक्शन पर क्लिक करें.
2. एक नया टैब रिफंड रिमेनिंग अनपेड के नाम से नया टैब खुलेगा. इसके बाद रिफंड रीइश्यू पर क्लिक करें.
3. आपको एक अलग पेज पर भेजा जाएगा जहां आपको क्रिएट ए रिफंड रीइश्यू रिक्वेस्ट पर क्लिक करना होगा.

 

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