भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए फिर से बातचीत शुरू की है. बता दें कि पांचवे दौर की वार्ता संपन्न हो चुकी है. इस साल के अक्टूबर तक दोनों देशों के बीच एफटीए पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है.
दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते का क्या है मतलब?
आसान शब्दों में कहें तो ये दो या उससे अधिक देशों के बीच सेवाओं के आयात और निर्यात में रुकावटों को कम करने के लिए एक समझौता है. इसमें ऐसे नियमों, सब्सिडी और प्रतिबंधों को कम किया जाएगा जो दोनों देशों के सीमाओं के पार से किसी भी वस्तुओं के आयात-निर्यात को कम कर सकता है.
एफटीए कुछ अपवादों को छोड़कर दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार की अनुमति दे सकता है. समझौता व्यापक हो सकता है और इसमें सामान, सेवाएं, निवेश, बौद्धिक संपदा, प्रतिस्पर्धा, सरकारी खरीद और अन्य क्षेत्र भी शामिल हो सकते हैं.
भारत को क्या होगा फायदा?
एफटीए विशेष रूप से तकनीकी बाधाओं को दूर करने के साथ निवेशक को संरक्षण की बात करता है. बता दें, मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) दोनों देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि यह व्यापार और निवेश को बढ़ाने के साथ दोगुना कर सकता है. इस संधि से दो देशों में उत्पादन लागत बाकी के देशों की तुलना में सस्ती होती है.
भारत और ब्रिटेन जनवरी 2022 में बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए थे. इसका उद्देश्य व्यापार और निवेश संबंधों को आगे बढ़ाना था. उम्मीद है कि अक्टूबर 2022 तक एफटीए पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.